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Vimal Negi Death Case : सच की तलाश को मिला बल; सरकार नहीं लगाएगी अड़ंगा, CBI जांच के फैसले को मिली हरी झंडी

विमल नेगी मौत मामला : हिमाचल प्रदेश हाई कोर्ट के सीबीआई जांच के फैसले का विरोध नहीं करेगी सरकार
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ज्ञान ठाकुर/शिमला, 26 मई(हप्र)

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Vimal Negi Death Case : हिमाचल प्रदेश की सुखविंदर सिंह सुक्खू सरकार विमल नेगी मौत मामले में हिमाचल प्रदेश हाई कोर्ट द्वारा दिए गए सीबीआई जांच के फैसले का विरोध नहीं करेगी। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने सोमवार को शिमला में एक पत्रकार वार्ता में ऐलान किया कि सरकार इस मामले में हिमाचल प्रदेश हाई कोर्ट में कोई भी पुनर्विचार याचिका दायर नहीं करेगी ताकि विमल नेगी के परिवार को जल्द से जल्द न्याय मिल सके। हालांकि मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने हिमाचल प्रदेश हाई कोर्ट की उस टिप्पणी का भी विरोध किया जिसमें हाई कोर्ट ने कहा है कि विमल नेगी मौत मामले की जांच करने वाली सीबीआई टीम में हिमाचल कैडर का कोई अधिकारी नहीं होगा।

मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने पूछा कि हिमाचल प्रदेश हाई कोर्ट में ऐसे कितने न्यायधीश हैं जो हिमाचल से हैं? उन्होंने कहा कि हाई कोर्ट को इस तरह की टिप्पणियों से बचना चाहिए। मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि विमल नेगी मौत मामले में सीबीआई टीम को सरकार जांच में हर संभव मदद करेगी और उसे जो भी दस्तावेज चाहिए होंगे वह उपलब्ध करवाए जाएंगे। मुख्यमंत्री ने यह भी सुझाव दिया कि सीबीआई को विमल नेगी मौत मामले में हिमाचल प्रदेश सरकार के अतिरिक्त मुख्य सचिव, हिमाचल प्रदेश पुलिस महानिदेशक और हिमाचल प्रदेश पुलिस की एसआईटी की रिपोर्टों की भी जांच करनी चाहिए क्योंकि इन तीनों रिपोर्टों में विरोधाभास है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार विमल नेगी के परिवार को न्याय दिलाने की लड़ाई लड़ेगी। उन्होंने सीबीआई जांच पर टिप्पणी करते हुए कहा कि यदि विमल नेगी के परिजन उनके पास आते और सीबीआई जांच की मांग करते तो सरकार भी इस मांग को मान लेती है। मुख्यमंत्री ने यह भी दावा किया कि मृतक विमल नेगी पहली जुलाई 2024 को एंजायटी के मरीज थे और दवाइयां खा रहे थे। मुख्यमंत्री ने दावा किया कि उन्होंने इस मामले पर भाजपा द्वारा की जा रही राजनीति के बाद प्रदेश के पुलिस महानिदेशक से कहा था कि सरकार को इस मामले को खुद सीबीआई को जांच के लिए दे देना चाहिए क्योंकि विमल नेगी के परिवार को न्याय मिलना चाहिए।

मुख्यमंत्री ने विमल नेगी मौत मामले में अतिरिक्त मुख्य सचिव ओंकार शर्मा द्वारा दी गई रिपोर्ट पर भी सवाल उठाया और कहा कि इस रिपोर्ट में पेखुवाल सोलर प्रोजेक्ट के प्रोजेक्ट हेड विपिन गुलेरिया और अन्य संबंधित लोगों से इस मामले में पूछताछ नहीं की गई जबकि विपिन गुलेरिया ने अगस्त 2024 तक इस प्रोजेक्ट को हेड किया और गुलेरिया ने ही 170 करोड़ रुपये का भुगतान भी किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि विपिन गुलरिया वही व्यक्ति है जिसने विमल नेगी मौत मामले में हिमाचल प्रदेश पावर कारपोरेशन के एमडी हरिकेश मीणा और निदेशक देशराज पर भ्रष्टाचार और विमल नेगी पर अत्याचार करने के आरोप लगाए थे। ऐसे में अतिरिक्त मुख्य सचिव की जांच में इस अधिकारी से भी पूछताछ होनी जरूरी थी।

मुख्यमंत्री ने दावा किया कि भाजपा को विमल नेगी मौत मामले में कोई रुचि नहीं थी और वह इस मामले के माध्यम से केवल राजनीति करना चाहती थी। उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा विमल नेगी मौत मामले में राजनीतिक रोटियां सेंक रही थी और अब भी उसका यही रवैया है। उन्होंने नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर को सलाह दी कि वह तथ्यों पर आधारित बात करें। उन्होंने कहा कि भाजपा विमल नेगी मौत मामले में अपना स्वार्थ साथ रही है। उन्होंने कहा कि सरकार आज भी विमल नेगी के परिवार के साथ खड़ी है और उसकी हर संभव मदद करेगी। उन्होंने यह भी कहा कि आज भाजपा के वे लोग भ्रष्टाचार के सरकार पर आरोप लगा रहे हैं जो खुद भ्रष्टाचार में डूबे रहे हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि भाजपा के राज्यसभा सांसद हर्ष महाजन ने राज्यसभा चुनाव में खुद कांग्रेस विधायकों को खरीदा और खुद सांसद बने। ऐसे में उन्हें भ्रष्टाचार के आरोप लगाना शोभा नहीं देता। मुख्यमंत्री दावा किया कि हर्ष महाजन जब राज्य सहकारी बैंक के अध्यक्ष थे तो भाजपा ने ही उनके खिलाफ भ्रष्टाचार का मामला दर्ज करवाया था। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों की अनुशासनहीनता पर भी कड़ा एतराज जताया और कहा कि यदि कोई अधिकारी अनुशासनहीनता करता है तो उसे सरकार सहन नहीं करेगी। हालांकि मुख्यमंत्री ने इस सवाल का कोई जवाब नहीं दिया कि हिमाचल प्रदेश हाई कोर्ट में अपने ही डीजीपी के खिलाफ आरोप लगाने वाले शिमला के इसपी के खिलाफ सरकार कोई कार्रवाई करेगी या नहीं।

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