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नमांश की याद में नम हुई ग्रामीणों की आंखें

तेजस के पायलट को ‘सच्चे देशभक्त' के रूप में किया याद

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नमांश स्याल। फाइल फोटो
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हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा जिले के पटियालकर गांव के लोग विंग कमांडर नमांश स्याल की मौत की खबर अभी तक स्वीकार नहीं कर पाए हैं। नमांश उस तेजस लड़ाकू विमान में सवार थे, जो शनिवार को दुबई एयर शो में हवाई प्रदर्शन के दौरान दुर्घटनाग्रस्त हो गया था। ज्यादातर ग्रामीणों ने नमांश को एक सच्चे देशभक्त और उत्कृष्ट एथलीट के रूप में याद किया। उन्होंने कहा कि नमांश ने दुबई एयर शो में हजारों लोगों की जान बचाने के लिए ऐन समय पर विमान का मार्ग बदलकर अपनी मौत को भी मिसाल बना दिया। नगरोटा बगवां क्षेत्र में स्याल परिवार के घर पर शनिवार सुबह से ही हृदय विदारक दृश्य देखने को मिल रहे हैं, जहां ग्रामीण नमांश की असामयिक मौत से शोक में डूबे परिजनों को सांत्वना देने की कोशिश कर रहे हैं।

नमांश के चाचा जोगिंदरनाथ स्याल ने बताया कि विंग कमांडर का पार्थिव शरीर शनिवार सुबह करीब नौ बजे कोयंबटूर (तमिलनाडु) के पास सुलूर वायुसेना स्टेशन पर लाया गया, जहां से उसे रविवार को कांगड़ा के गग्गल हवाई अड्डे ले जाया जाएगा। उन्होंने कहा कि हमने अंतिम संस्कार की सारी तैयारियां कर ली हैं। जोगिंदरनाथ को शुक्रवार दोपहर उस समय हादसे के बारे में पता चला, जब नमांश के पिता ने उन्हें फोन किया और पूछा कि क्या उनके पास घटना के बारे में कोई जानकारी है। जोगिंदरनाथ ने बताया कि मेरी पत्नी दौड़कर उनके किरायेदार के पास गई, जो कतर में काम करता है और छुट्टियों में गांव आया था। इंटरनेट पर ताजा खबरें देखने के बाद, उसने पुष्टि की कि दुर्घटनाग्रस्त हुए जेट विमान को नमांश ही उड़ा रहा था। उन्होंने कहा कि मैंने तुरंत अपने भाई से संपर्क करके उन्हें यह दुखद खबर दी। शुरू में तो उन्हें मेरी बात पर यकीन नहीं हुआ, लेकिन जब मैंने कहा कि मेरी जानकारी पुख्ता है, तो उन्हें सच्चाई का एहसास हो गया। नमांश के परिवार में उनके माता-पिता, पत्नी और छह साल की एक बेटी शामिल है। उनकी पत्नी भी भारतीय वायुसेना से जुड़ी हुई हैं। दोनों पठानकोट में अपनी पहली तैनाती के दौरान एक-दूसरे से मिले थे और फिर 2014 में शादी के बंधन में बंध गए। नगरोटा बगवां के एसडीएम मनीष कुमार शर्मा ने कहा कि जैसे ही मुझे इस हादसे के बारे में पता चला, मैंने नमांश के परिवार वालों से संपर्क किया। शुरुआत में हमें लगा कि वह हादसे में घायल हो गए हैं। दुर्भाग्य से, हम गलत थे... एक शानदार करियर अचानक खत्म हो गया। नमांश हमीरपुर जिले के सुजानपुर टीरा स्थित सैनिक स्कूल के छात्र थे, जो उनकी मौत की खबर पर यकीन नहीं कर पा रहा है। शनिवार को स्कूल में एक विशेष प्रार्थना सभा आयोजित की गई, जिसमें प्रधानाचार्य रचना जोशी और अन्य शिक्षकों ने अपने पूर्व छात्र (नमांश) को याद किया। स्टाफ सदस्य राकेश राणा ने नमांश चिनाब हाउस के कैप्टन थे और एक बेहतरीन एथलीट के रूप में जाने जाते थे। उन्हें नमांश का रोल नंबर (1906) भी याद है, जो 2005 में पास हुए स्कूल के 21वें बैच का हिस्सा थे। स्कूल के कई पूर्व छात्रों ने भी नमांश को याद करते हुए उनकी तस्वीरें और शोक संदेश साझा किए। सैनिक स्कूल सुजानपुर ओल्ड बॉयज एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष पंकज चड्ढा ने कहा कि नमांश ने देश का नाम रोशन किया है और उनकी शहादत को हमेशा याद रखा जाएगा।

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