शिमला/ हमीरपुर, 28 जुलाई (निस)
हिमाचल प्रदेश में इसी साल के आखिर में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले प्रदेश भाजपा में बागियों की घर वापसी का दौर शुरू हो गया है। पूर्व सीपीएस और हमीरपुर से विधायक उर्मिल ठाकुर, जुब्बल कोटखाई में भाजपा से नाराज नर्दलीय चुनाव लड़ने वाले चेतन बरागटा, धर्मशाला से राकेश चौधरी और शाहपुर जिला परिषद सदस्य जोगिंदर पंकू ने भाजपा का दामन थाम लिया है। पूर्व धूमल सरकार में मंत्री रहे भाजपा के पूर्व प्रदेशाध्यक्ष खिमी राम के कांग्रेस में शामिल होने के बाद नेताओं की नाराजगी को भांपते हुए पार्टी हाईकमान ने बागियों की मान मनौव्वल की कवायद शुरू कर दी है। इसी का नतीजा है कि बृहस्पतिवार को राकेश चौधरी, उर्मिल ठाकुर व चेतन बरागटा की घर वापसी हो गयी।
भाजपा को मिलेगी मजबूती
प्रदेश भाजपा अध्यक्ष सुरेश कश्यप ने कहा कि इनके शामिल होने से भाजपा को मजबूती मिलेगी। इन सभी नेताओं ने भाजपा प्रदेश प्रभारी अविनाश राय खन्ना, प्रदेश अध्यक्ष सुरेश कश्यप, महामंत्री त्रिलोक जम्वाल, राकेश जम्वाल और त्रिलोक कपूर की मौजूदगी में भाजपा की सदस्यता ली।
8 साल बाद दूर हुयी उर्मिल की नाराज़गी
उर्मिल ठाकुर भाजपा के वरिष्ठ नेता स्व. जगदेव ठाकुर की पुत्रवधु हैं। वह दो बार 1998 व 2007 में विधान सभा चुनाव जीत चुकी हैं। उन्होंने 2014 में भाजपा छोड़ कांग्रेस का दामन थामा। 2014 में भाजपा ने सुजानपुर से नरेंद्र ठाकुर को उम्मीदवार बनाया। नरेंद्र ठाकुर इससे पहले कांग्रेस में थे। लिहाजा उर्मिल ठाकुर टिकट की दावेदार थीं। मगर उप चुनाव में टिकट न मिलने से नाराज होकर उन्होंने भाजपा को अलविदा कहा। अब पार्टी में करीब 8 साल बाद उनकी घर वापसी हुई है। माना जा रहा है कि उर्मिल की घर वापसी से पार्टी को हमीरपुर में मजबूती मिलेगी।
राकेश चौधरी इसलिये नाराज़ थे
भाजपा में धर्मशाला के आप नेता राकेश चौधरी भी शामिल हो गए। राकेश चौधरी भी मूलत: भाजपा पृष्ठभूमि के हैं। धर्मशाला के विधायक किशन कपूर के सांसद चुने जाने के बाद हुए उप चुनाव में भाजपा ने विशाल नैहरिया को उम्मीदवार बनाया। टिकट आबंटन से नाराज राकेश चौधरी निर्दलीय लड़े। वह करीब 17 हजार वोट लेकर दूसरे नंबर पर रहे। बीते दिनों वह आम आदमी पार्टी में शामिल हो गए थे। आज उन्होंने भाजपा का दामन थामा।
2 बार मंत्री रहे बरागटा के पुत्र भी हो गये थे बागी
भाजपा में शामिल होने वाले तीसरे नेता जुब्बल कोटखाई के चेतन बरागटा हैं। चेतन बरागटा स्व. नरेंद्र बरागटा के पुत्र हैं। स्व. नरेंद्र बरागटा दो मर्तबा भाजपा की पूर्व धूमल सरकार में मंत्री रहे। बीते साल जून माह में उनका आकस्मिक निधन हो गया। उनके निधन के बाद जुब्बल कोटखाई में उप चुनाव हुए। उप चुनाव में चेतन बरागटा का टिकट परिवारवाद की वजह से कट गया। भाजपा ने नीलम सरैक को उम्मीदवार बनाया। नतीजतन नाराज चेतन बरागटा ने निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर चुनाव मैदान में ताल ठोक दी। चेतन व नीलम सरैक दोनों पराजित हुए।