विधायकों के सवालों का जवाब न देने पर विधानसभा में हंगामा
हिमाचल प्रदेश विधानसभा के मानसून सत्र के अंतिम दिन आज एक बार फिर सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच सदन की कार्यवाही आरंभ होते ही सवाल का जवाब न दिए जाने के मामले पर तकरार हुई। फलस्वरूप पूरा विपक्ष प्रश्नकाल आरम्भ होने के कुछ ही देर बाद सदन से उठकर बाहर चला गया और प्रश्नकाल के बाद ही सदन में लौटा। कांगड़ा केंद्रीय सहकारी बैंक द्वारा देहरा विधानसभा क्षेत्र में महिलाओं को 1 जून से 10 जुलाई, 2024 के बीच बांटी गई धनराशि के बारे में हमीरपुर विधायक आशीष शर्मा द्वारा पूछे गए प्रश्न पर राज्य सरकार द्वारा जानकारी न दिए जाने पर विपक्ष ने यह कहते हुए आपत्ति जताई कि जानकारी जानबूझकर छिपाई जा रही है।
इस दौरान विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप पठानिया ने विपक्ष को शांत करने का प्रयास करते हुए कहा कि विधानसभा सचिवालय द्वारा मुख्यमंत्री को जानकारी प्रदान की जाएगी और वे इसे पढ़ने के बाद आशीष शर्मा के साथ साझा करेंगे। उन्होंने कहा कि यदि आप अभी भी संतुष्ट नहीं हैं, तो आप नियम 61 के तहत यह मुद्दा उठा सकते हैं। उन्होंने कहा कि आज सत्र का अंतिम दिन है, इसलिए हम सभी को सौहार्दपूर्वक सदन से विदा लेनी चाहिए। नेता प्रतिपक्ष जय राम ठाकुर ने कहा कि हिमाचल विधानसभा के इतिहास में यह पहली बार है कि प्रश्न कार्यसूची में सूचीबद्ध है, लेकिन उसे अचानक हटा दिया गया है। उन्होंने कहा कि बीते रोज अध्यक्ष ने आश्वासन दिया था कि आज जवाब दिया जाएगा, लेकिन अब फिर से कहा गया है कि जानकारी अभी भी एकत्र की जा रही है।
वहीं मुख्यमंत्री ने कहा है कि हिमाचल प्रदेश में प्राकृतिक आपदा से भारी नुकसान हुआ है। राज्य सरकार आपदा प्रभावित परिवारों के साथ खड़ी है। उन्होंने कहा कि सरकार अपने सीमित संसाधनों से लोगों की मदद कर रही है। उन्होंने कहा कि आपदा प्रबंधन एक्ट लागू होने का बाद आने वाले समय में सभी प्रभावितों की मदद को आवश्यक कदम उठाए जाएंगे और इसके लिए यदि संसाधन जुटाने को अपने खर्चों में कटौती भी करनी पड़े तो इसके लिए कट लगाए जाएंगे ।
वित्तीय संकट के लिए भाजपा सरकार जिम्मेदार : सुक्खू
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा है कि प्रदेश में गंभीर आर्थिक संकट के लिए पूर्व भाजपा सरकार जिम्मेदार है। विधानसभा में मंगलवार को नियम 130 के तहत आय के संसाधन जुटाने को लेकर विधायक केवल सिंह पठानिया द्वारा लाए गए प्रस्ताव पर हुई चर्चा के जवाब में मुख्यमंत्री ने कहा कि पूर्व भाजपा सरकार ने अपने कार्यकाल के अंतिम वर्ष में चुनाव जीतने के लिए मुफ्त उपहार बांटने और सब्सिडी के नाम पर 5 हजार करोड़ रुपए से अधिक खर्च कर डाले।