प्रेम राज काश्यप/निस
रामपुर बुशहर, 23 अप्रैल
निरमंड विकास खंड के ऊंचाई व मध्यम क्षेत्रों में शुक्रवार को प्रात: हुई भारी बर्फबारी, ओलावृष्टि व आंधी-तूफान से क्षेत्र के बसवारी, जरोट, सगोफ़ा, बड़ारी, भगीर, कलोंट, ठारला, जुआगी, तिनदर,ठारवा, डीम, अमतुआ, पांकवा, बागा सराहन, मर्गी, शरशाह, कत्मोर इत्यादि इलाकों में बागवानों की 90 फीसदी सेब फसल तबाह हो गई है। जहां एक ओर बागवान आजकल अपने बागीचों में सेब सेटिंग अच्छी होने के लिए पोलीनेशन के कार्य में जुटे हुए थे तो वहीं अचानक भारी हिमपात होने से बागवानों की कमर टूट गई है।
बागवानों ने ओलावृष्टि व हिमपात से बचाव के लिए सेब के पौधों को एंटी हेल नेट की सफेद चादर ओढ़ाई हुई थी परन्तु अचानक हुए भारी हिमपात से एंटी हेल नेट फटने और बांस व टहनियां टूटने से इस वर्ष अच्छी सेब पैदावार होने की उम्मीद लिए बैठे सेब बागवानों के चेहरे लटक गए हैं। इतना ही नहीं, कई जगह तो सेब के पौधे जड़ से उखड़ गए हैं। क्षेत्र के बागवान भगत राम, सेस राम, आत्मा राम इत्यादि का कहना है कि सरकार और प्रशासन जल्द से जल्द भारी हिमपात से हुए सेब बागवानों की सेब फसल को हुए नुकसान का जायजा ले। बागवानों ने सरकार से नुकसान की भरपाई करने की मांग की है।