शिमला (हप्र) : हिमाचल प्रदेश का ऊना जिला अस्वच्छ शौचालय और इससे जुड़े हाथ से मैला उठाने की कुप्रथा से मुक्त जिला घोषित होने की दहलीज पर है। इस आशय की आधिकारिक घोषणा से पहले डीसी जतिन लाल ने जिले की सभी ग्राम पंचायतों और शहरी निकायों से फाइनल रिपोर्ट मांगी है। वे हाथ से मैला उठाने वाले कर्मियों के नियोजन का प्रतिषेध एवं उनका पुनर्वास अधिनियम, 2013 के तहत गठित जिला स्तरीय सर्वे समिति की बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे। इस अधिनियम के तहत यह कुप्रथा देशभर में प्रतिबंधित है। उपायुक्त ने जिले के सभी खंड विकास अधिकारियों को संबंधित ग्राम पंचायतों से और शहरी निकायों के सचिवों को सभी नगर परिषदों व नगर पंचायतों से उनके क्षेत्र में अस्वच्छ शौचालय और इससे जुड़े हाथ से मैला उठाने की कुप्रथा के संबंध में वस्तुस्थिति की जानकारी लेकर 2 दिन में रिपोर्ट सौंपने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि वे ग्राम पंचायतों और शहरी निकायों से मैला ढोने की प्रथा से मुक्त होने का प्रमाणपत्र लें अन्यथा इस संबंध में डेटा प्रस्तुत करें। वहीं, उन्होंने जिला कल्याण अधिकारी को जिला स्तरीय सर्वे समिति के सभी सदस्यों से भी यह प्रमाणपत्र लेने के निर्देश दिए जिसमें वे स्पष्ट कहें कि हाथ से मैला उठाने की कुप्रथा का कोई मामला उनके संज्ञान में है अथवा नहीं है।