रिकांगपिओ में दो दिवसीय मधुमक्खी पालन संगोष्ठी
राजस्व, बागवानी, जनजातीय विकास एवं जन शिकायत निवारण मंत्री जगत सिंह नेगी ने शुक्रवार को रिकांगपिओ स्थित आईटीडीपी भवन के सम्मेलन कक्ष में दो दिवसीय जिला स्तरीय मधुमक्खी पालन संगोष्ठी कार्यक्रम के उद्घाटन समारोह में बतौर मुख्य अतिथि शिरकत की । जिला के 200 मधुमक्खी पालकों व किसानों ने भाग लिया। नेगी ने इस अवसर पर डॉ. वाईएस परमार औद्यानिकी एवं वानिकी विश्वविद्यालय, नौनी व आरएचआरटीएस शरबो द्वारा मधुमक्खी पालन को बढ़ावा देने हेतु किए जा रहे प्रयासों की सराहना की। उन्होंने किसानों को मधुमक्खी पालन के व्यापक लाभों की जानकारी देते हुए वैज्ञानिकों से आग्रह किया कि वे सर्दियों के दौरान मधुमक्खी कॉलोनियों के माइग्रेशन की आवश्यकता को कम करने पर कार्य करें। बागवानी मंत्री ने कृषि और बागवानी में रसायनों के न्यूनतम उपयोग पर बल देते हुए कहा कि यह किसानों एवं मधुमक्खियों दोनों के स्वास्थ्य के लिए आवश्यक है तथा इससे उपभोक्ताओं को सुरक्षित खाद्य सामग्री भी सुनिश्चित होती है। मंत्री ने कहा कि गुणवत्तापूर्ण फल उत्पादन वर्तमान समय की मांग है और बेहतर गुणवत्ता वाले फल बाजार में किसानों को अधिक मूल्य प्रदान करवाने में अहम भूमिका अदा करते हैं। राजस्व मंत्री ने कहा कि वैश्विक प्रतिस्पर्धा के युग में बागवानों को नवीनतम सेब की किस्में एवं गुणवत्ता से जुड़ना आवश्यक है ताकि उन्हें सेब की फसल के अधिक दाम मिल सके।
कार्यक्रम में आरएचआरटीएस शारबो के सहायक निदेशक डॉ. प्रमोद कुमार ने मुख्य अतिथि व प्रतिभागियों का स्वागत किया। नौणी विश्वविद्यालय के निदेशक विस्तार शिक्षा डॉ. इंदर देव ने किसानों तक वैज्ञानिक जानकारी पहुंचाने के लिए विश्वविद्यालय द्वारा किए जा रहे प्रयासों पर प्रकाश डाला। परियोजना के प्रधान अन्वेषक डॉ. एस.सी. वर्मा ने परियोजना की जानकारी दी । इस अवसर पर कमांडेंट 17वीं वाहिनी भारतीय तिब्बत सीमा पुलिस सुनील कुमार, परियोजना अधिकारी आईटीडीपी घनश्याम दास शर्मा, पंचायत समिति कल्पा की अध्यक्षा ललिता पंचारस, उपमंडलाधिकारी कल्पा अमित कल्थाईक, उपपुलिस अधीक्षक उमेश्वर राणा, जिला परिषद सदस्य हितेष नेगी सहित अन्य अधिकारी व कर्मचारी उपस्थित थे।
