ज्ञान ठाकुर/निस
शिमला, 18 अक्तूबर
दुर्गा पूजा हॉलिडेज के दौरान बंगाल और गुजरात के पर्यटकों का हिमाचल के पर्यटन उद्योग में बहुत बड़ा योगदान रहता है। मगर इस बार दुर्गा पूजा सीजन भी हिमाचल पर्यटन उद्योग के हाथ से खिसक गया है। इस बार हावड़ा से कालका के बीच रेलगाड़ी आरंभ न होने के कारण इसका सीधा असर होटलों तथा पर्यटन से जुड़ी अन्य इकाइयों पर पड़ा है। हर वर्ष दुर्गा पूजा सीजन के दौरान हिमाचल में होटलों की ऑक्यूपेंसी 70 से 80 फीसदी तक रहती थी लेकिन इस वर्ष यह घटकर 15 से 20 प्रतिशत तक रह गई है।
दुर्गा पूजा के दौरान सबसे अधिक पर्यटक बंगाल से हिमाचल आते थे। शिमला तक रेलगाड़ी की सुविधा होने के चलते ये पर्यटक शिमला से ही अपनी यात्रा आरंभ करते थे। ऐसे में पर्यटन नगरी शिमला में इन दिनों बंगाली पर्यटकों की भरमार रहती थी। यही स्थिति गुजरात से आने वाले पर्यटकों के साथ भी थी।
यही नहीं, जहां बंगाल और गुजरात के पर्यटक इस बार हिमाचल से दूर रहे, वहीं कोरोना महामारी को देखते हुए बंगाल के पर्यटकों को आश्रय देने वाली कालीबाड़ी प्रबंधन समिति ने भी मार्च 2021 तक पर्यटकों के लिए अपने दरवाजे नहीं खोलने का निर्णय लिया है।
कालका-शिमला के बीच फैस्टिवल ट्रेन
विश्व धरोहर कालका-शिमला रेलवे ट्रैक पर 20 से 30 अक्तूबर के बीच हर रोज फैस्टिवल स्पेशल ट्रेन चलेगी। रेलवे ने इस ट्रेन के लिए शेड्यूल तैयार कर लिया है। यात्री काउंटर और ऑनलाइन दोनों तरह से इस ट्रेन के लिए बुकिंग करवा सकेंगे। यह रेलगाड़ी दुर्गा पूजा के दौरान आने वाले पर्यटकों की सुविधा को ध्यान में रखकर चलाने का निर्णय लिया गया है।
ष्कोरोना महामारी के कारण सबसे अधिक मार पर्यटन उद्योग पर पड़ी है। ऐसे में प्रदेश सरकार को तुरंत बाहरी राज्यों से पर्यटक को हिमाचल की ओर आकर्षित करने के लिए रोड टैक्स और एंट्री टैक्स में पर्यटक वाहनों को छूट की घोषणा करनी चाहिए। एसोसिएशन की ये भी मांग है कि सरकार पर्यटक बसों में उत्तराखंड की तर्ज पर शत-प्रतिशत सीटों पर पर्यटकों को बैठने की इजाजत दे ताकि पर्यटकों को हिमाचल में घूमने आने पर अतिरिक्त खर्च न करना पड़े।ष्
-मोहिंद्र सेठ, अध्यक्ष, टूरिज्म इंडस्ट्री एसोसिएशन