प्रेम राज काश्यप/हप्र
रामपुर बुशहर, 25 जून
एपीएमसी शिमला और किन्नौर की सभी फल मंडियों में इस सीजन में सेब दर की जगह गढ़ के हिसाब से बिकेगा। इसके लिए एपीएमसी (कृषि उपज मंडी समिति) के चेयरमैन ने सभी आढ़तियों को गढ़ के हिसाब से सेब खरीदने के निर्देश दिए हैं। गढ़ रेट में लिए गए सेब में सभी आकार के सेबों को एक ही दाम मिलता है। दर के हिसाब से सेब की पेटी की पहले बोली लगती है, उसके बाद उसे छोटे, मध्यम और बड़े आकार के हिसाब से दाम दिए जाते हैं। इससे बागवानों को नुकसान होता है। सोलन और परवाणू सहित अन्य बाहरी राज्यों की मंडियों में सेब गढ़ के हिसाब से ही बिकता है। ऐसे में जिला शिमला के बागवान एपीएमसी शिमला और किन्नौर फल मंडियों में सेब बेचने के बजाय बाहरी बाहरी राज्यों की मंडियों में जाते हैं, जहां उन्हें फसल के अच्छे दाम मिलते हैं।
हालांकि बीते साल भी जिले की कुछ मंडियों में सेब गढ़ के हिसाब से ही बिका है, लेकिन कुछ आढ़ती मनमानी कर दर के हिसाब से ही सेब की खरीदारी करते रहे। गौरतलब है कि शिमला जिले में सेब का करोड़ों रुपये का कारोबार होता। एपीएमसी के चेयरमैन देवानंद वर्मा ने बताया कि पराला मंडी में आयोजित बैठक में उन्होंने सभी आढ़तियों के साथ इस विषय पर चर्चा की है। इसमें सभी आढ़तियों ने गढ़ में सेब की खरीदारी करने की सहमति जताई है। उन्होंने बताया कि यह पूरी तरह से सुनिश्चित किया जाएगा कि सेब दर में न बिके ताकि जिला के बागवानों को बाहरी राज्यों की मंडियों में जाने की जरूरत न पड़े। उन्होंने बताया कि हजारों परिवार सेब कारोबार से जुड़े हैं। इसके अलावा सेब सीजन के दौरान तुड़ाई, ढुलाई से लेकर विपणन तक में हजारों लोगों को प्रत्यक्ष अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार भी मिलता है।