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कृषि क्षेत्र में क्रांति के लिए प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने की आवश्यकता : मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह

There is a need to promote natural farming to bring about a revolution in the agriculture sector : Chief Minister
हिमाचल प्रदेश के सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू राज्य विधानसभा के शीतकालीन सत्र के दौरान अपनी बात रखते हुए। -एएनआई -file
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शिमला, 17 मई (हप्र) : मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने प्रदेश में प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देकर कृषि क्षेत्र में क्रांति लाने की आवश्यकता पर बल दिया है। शनिवार को शिमला में कृषि विभाग की बैठक की अध्यक्षता करते हुए मुख्यमंत्री ने संबंधित अधिकारियों से प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने के लिए ठोस कदम उठाने के निर्देश दिए।

उन्होंने कहा कि कृषि विभाग, जाइका और आत्मा परियोजनाओं के सभी अधिकारियों को किसानों तक पहुंच स्थापित कर उन्हें प्राकृतिक खेती अपनाने के लिए आवश्यक जानकारी प्रदान करनी चाहिए। उन्होंने अधिकारियों को प्राकृतिक खेती करने वाले किसानों के लिए प्रमाणीकरण प्रक्रिया सुलभ बनाने के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने प्राकृतिक खेती करने वाले किसानों के पंजीकरण के लिए पंचायतों में शिविर आयोजित करने पर बल दिया।

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मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह

ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने एपीएमसी के अध्यक्षों को निर्देश दिए कि वे किसानों को प्राकृतिक खेती से जोड़ने के लिए सक्रियता से कृषकों को प्रेरित कर उन्हें हर संभव सहायता करें। उन्होंने सभी एपीएमसी को प्राकृतिक पद्धति से उगाए गए गेहूं, मक्की और कच्ची हल्दी की खरीद के लिए हाई एंड साइलो स्थापित करने के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में प्राकृतिक पद्धति से उगाई गई मक्की की खरीद प्रक्रिया आरम्भ हो गई है और राज्य सरकार किसानों से मक्की खरीद पर 60 रुपये प्रतिकिलो का न्यूनतम समर्थन मूल्य प्रदान कर रही है। उन्होंने कृषि विभाग को प्राकृतिक खेती के लिए प्रदेश के किसानों को उच्च गुणवत्ता के बीच प्रदान करने के निर्देश दिए।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने के लिए सरकारी फार्मो को सुदृढ़ करने के दृष्टिगत कृषि विभाग ने जिला कांगड़ा में भट्टू फार्म, जिला सिरमौर में भगाणी फार्म और जिला सोलन में बेरटी-बोच फार्म स्थापित किए हैं। आगामी समय में प्रदेश में इस तरह के और भी आदर्श फार्म स्थापित किए जाएंगे।

मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह

सुक्खू ने प्रदेशभर के विभिन्न स्थानों के निर्माणाधीन सीए स्टोर की प्रगति की भी समीक्षा की। उन्होंने कहा कि सीए स्टोरी के किसानों एवं बागवानों को उनकी मेहनत का उचित मूल्य प्रदान करने के लिए महत्वपूर्ण होते हैं। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार जिला शिमला के जुब्बल के अणु, चौपाल, संदासू खड़ापत्थर, दत्तनगर और ढली, जिला कांगड़ा के कंदरौरी और सुलह, जिला सोलन के जाबली, जिला किन्नौर के भावानगर और जिला मंडी के सुन्दरनगर में चरणबद्ध तरीके से सीए स्टोर स्थापित कर रही है। इसके लिए प्रदेश सरकार ने 330 करोड़ रुपये प्रदान किए हैं।

मुख्यमंत्री ने प्रदेश के सभी 12 जिलों में 1010 करोड़ रुपये से कार्यान्वित की जा रही जाइका परियोजना की भी समीक्षा की और संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिए की कि इस परियोजना के अधिकाधिक लाभ प्रदेश के किसानों को सुनिश्चित किए जाएं। इसके अतिरिक्त उन्होंने हिमाचल प्रदेश कृषि विपणन बोर्ड की विभिन्न परियोजनाओं की भी समीक्षा की और अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए।

इस अवसर पर प्रो. चन्द्र कुमार, विधायक चन्द्र शेखर, कृषि सचिव सी पालरासू, निदेशक कुमुद सिंह और एपीएमसी के अध्यक्ष उपस्थित थे।

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