शिमला, 23 मार्च (निस)
हिमाचल प्रदेश की वादियों में अब सेब के साथ-साथ दालचीनी की मिठास भी घुलेगी। राज्य में फसलों के विविधिकरण को बढ़ावा देने के प्रदेश सरकार की पहल के तहत प्रदेश में जल्द ही दालचीनी के पौधे लहलहांगे। इसकी शुरुआत आज ऊना जिला के कुटलैहड़ विधानसभा क्षेत्र की ग्राम पंचायत बरनोह में दालचीनी के पौधों को रोपित करने से हुई है। प्रदेश के कृषि व ग्रामीण विकास मंत्री वीरेंद्र कंवर ने बरनोह में दालचीनी के 50 पौधे डेढ़ कनाल भूमि पर रोपित कर इस अभियान की शुरुआत की है। इस दौरान सीएसआईआर के वैज्ञानिकों ने स्थानीय लोगों को दालचीनी के पौधे लगाने का भी प्रशिक्षण दिया।
इस अवसर पर जनसभा को संबोधित करते हुए ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री वीरेंद्र कंवर ने कहा कि जिला ऊना में दालचीनी की खेती की जाएगी। उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश के ऊना, बिलासपुर, कांगड़ा, हमीरपुर व सिरमौर जिला में 40 हज़ार प्रति वर्ष दालचीनी के पौधे लगाए जाएंगे जिससे किसानों की आर्थिकी भी सुदृढ़ होगी। उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश में सीएसआईआर द्वारा दालचीनी के पौधे सप्लाई किए जाएंगे तथा कृषि विभाग नोडल एजेंसी के रूप में गांवों में दालचीनी के पौधे लगाने का कार्य करेगी। उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश में नकदी फसलों की अधिक संभावना है, जिसके दृष्टिगत प्रदेश सरकार नकदी फसलों को बढ़ावा दे रही है।
वीरेंद्र कंवर ने कहा कि दालचीनी सबसे अधिक इस्तेमाल किए जाने वाले मसालों मे से एक है जिसे प्राचीन काल से व्यंजन और औषधीय अनुप्रयोगों के लिए जाना जाता है। उन्होंने कहा कि दालचीनी की फसल कम सिंचाई के साथ अच्छी उपज दे सकती है। उन्होंने कहा कि आने वाले समय में केसर की खेती भी की जाएगी। उन्होंने कहा कि दालचीनी की खेती के लिए कलस्टर बनाकर दालचीनी की खेती को बढ़ावा दिया जाएगा।