शिमला/हमीरपुर, 1 फरवरी (निस)
केंद्रीय सूचना प्रसारण व खेल एवं युवा कार्यक्रम मंत्री अनुराग सिंह ठाकुर ने केंद्रीय बजट 2022-23 को समावेशी, सर्वस्पर्शी व जन-जन का बजट बताते हुए इस जनहितकारी बजट के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एवं वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण का आभार प्रकट किया है। अनुराग ठाकुर ने कहा कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा पेश किया गया वर्ष 2022-23 का केंद्रीय बजट देश के अमृत काल का बजट है। यह बजट एक तरफ कोरोना के कठिन काल के बावजूद देश की अर्थव्यवस्था को दिशा व गति देता है तो दूसरी ओर आजादी के अमृतकाल यानी 75वें वर्ष से लेकर आजादी के 100वें वर्ष तक का ब्लूप्रिंट भी प्रस्तुत करता है। यह बजट तात्कालिक रूप से आश्वस्त करने वाला मगर साथ ही दूरगामी विजन प्रदान करने वाला दस्तावेज है। भारत को आत्मनिर्भर बनाने के देशवासियों के सपने को साकार करने की दिशा में यह बजट एक बड़ा कदम है। अनुराग ने कहा कि वित्त मंत्री ने पहाड़ी और दुर्गम इलाकों पर विशेष ध्यान दिया है।
बजट में घोषित पर्वतमाला से हिमाचल प्रदेश सहित पहाड़ी इलाकों में कनेक्टिविटी बेहतर होगी। इस बजट में गरीबों और वंचित समाज का विशेष ध्यान रखा गया है। अंत्योदय की भावना को मूर्त रूप देते हुए इस बजट में नल से जल, शौचालय, गरीबों के लिए आवास पर बल दिया जाना स्वागत योग्य है।
जयराम ने सराहा
मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने केन्द्रीय बजट को देश की अर्थ-व्यवस्था देने, किसानों, समाज के कमजोर वर्गों तथा विकास को नई गति देने की दिशा में एक कारगर दस्तावेज बताया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह बजट आधारभूत संरचना को सुदृढ़ करेगा तथा इसके साथ ही डिजिटल तकनीक के माध्यम से विकास की प्रक्रिया को समग्र और समावेशी बनायेगा। उन्होंने कहा कि यह बजट पूरे देश के साथ-साथ सभी राज्यों को भी आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण दस्तावेज सिद्ध होगा।
कांग्रेस ने बजट को बताया आंकड़ों का मायाजाल
शिमला (निस) : हिमाचल प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कुलदीप सिंह राठौर ने केंद्रीय बजट को महज आंकड़ों का मायाजाल बताते हुए कहा है कि यह बजट पूरी तरह जनविरोधी है। उन्होंने कहा कि बजट में बढ़ती महंगाई व बेरोजगारी को पूरी तरह नजरअंदाज किया गया है। केंद्रीय बजट पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए राठौर ने इसे लोक लुभावना बताते हुए कहा कि बजट पूरी तरह दिशाहीन है। इस बजट से न तो देश की अर्थव्यवस्था में ही कोई सुधार होगा और न ही देश की विकास दर हासिल होगी।
बजट में हिमाचल को कोई राहत नहीं : माकपा
केंद्रीय आम बजट में हिमाचल प्रदेश को न तो कोई वित्तीय मदद दी गई है न ही कोई नई परियोजना स्वीकृत की गई है। प्रदेश को पूर्ण रूप से नजरअंदाज किया गया है। माकपा नेता संजय चौहान ने कहा कि प्रदेश सरकार पहले ही आर्थिक संकट से गुजर रही है तथा 65000 करोड़ रुपए के कर्ज के बोझ तले दबी हुई है। केंद्र से जो राज्यों को जीएसटी की क्षतिपूर्ति के लिए फंड मिलता था उसे भी इस वित्त वर्ष से बन्द कर दिया गया है। ऐसे में केंद्र सरकार द्वारा जून, 2022 से 2000 करोड़ रुपए की कटौती कर दी गई है। इस बजट में केंद्र सरकार द्वारा खाद्य सब्सिडी में की गई भारी कटौती से प्रदेश में सार्वजनिक वितरण प्रणाली बुरी तरह से प्रभावित होगा और राशन की कीमतों में वृद्धि होगी। इससे बढ़ती महंगाई से जनता पर और अधिक आर्थिक बोझ पड़ेगा। मनरेगा के बजट में कोई वृद्धि नहीं की गई है तथा गत वर्ष मनरेगा पर खर्च से करीब 35 प्रतिशत की कटौती की गई है।