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रेलवे स्टेशन तो बना...लेकिन 15 साल से नहीं रुकी कोई ट्रेन

ऊना जिले में एक ऐसा रेलवे स्टेशन है, जो केवल नक्शे पर तो दर्ज है, लेकिन हकीकत में मानो अस्तित्वहीन हो। नाम है चिंतपूर्णी मार्ग (कुनेरन) रेलवे स्टेशन। इसे धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देने के उद्देश्य से बनाया गया था,...
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ऊना जिले में एक ऐसा रेलवे स्टेशन है, जो केवल नक्शे पर तो दर्ज है, लेकिन हकीकत में मानो अस्तित्वहीन हो। नाम है चिंतपूर्णी मार्ग (कुनेरन) रेलवे स्टेशन। इसे धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देने के उद्देश्य से बनाया गया था, लेकिन विडंबना यह है कि पिछले 15 वर्षों में यहां एक भी ट्रेन नहीं रुकी।

रेल मंत्रालय ने इस स्टेशन के लिए प्लेटफॉर्म भी बनवाया, चमचमाता नामपट्ट भी लगाया, लेकिन अगर कुछ नहीं है, तो वह है ठहराव। यानी स्टेशन है, पर इस्तेमाल में नहीं, एक तरह से सफेद हाथी बन गया है।

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स्थानीय लोगों में इस उपेक्षा को लेकर गहरा रोष है। गांव भंजाल, नकड़ो, गोंदपुर बनेहड़ा और बहरमपुर के निवासी सवाल उठा रहे हैं कि जब यहां कोई ट्रेन रुकनी ही नहीं थी, तो फिर करोड़ों रुपये खर्च क्यों किए गए? नतीजतन, आज भी यात्रियों को दौलतपुर चौक या अंब स्टेशन पर निर्भर रहना पड़ रहा है।

सांसद से लगाई गुहार

अब स्थानीय लोगों ने सांसद अनुराग ठाकुर से अपील की है कि वह इस ‘खाली स्टेशन’ की सुध लें। ग्रामीणों का कहना है कि अगर यहां ट्रेनों का ठहराव शुरू हो जाए, तो न सिर्फ आवागमन सुगम होगा, बल्कि पर्यटन और स्थानीय व्यापार को भी नयी दिशा मिल सकती है।

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