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हाई कोर्ट में 21 जुलाई को होगी जनहित याचिका पर सुनवाई

लावारिस कुत्तों के आतंक का मामला
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शिमला, 22 जून (हप्र)हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट में लावारिस कुत्तों के आतंक से बचाने को लेकर जरूरी निर्देशों की मांग से जुड़ी जनहित याचिका पर सुनवाई 21 जुलाई को होगी। मुख्य न्यायाधीश गुरमीत सिंह संधावालिया और न्यायाधीश रंजन शर्मा की खंडपीठ ने जनहित याचिका की सुनवाई के पश्चात कहा कि केंद्र व राज्य सरकार को इस मामले में हाईकोर्ट द्वारा 10 सितंबर 2024 को जारी आदेश की अनुपालना करनी होगी। 10 सितंबर 2024 को पारित इस आदेश में कोर्ट ने केंद्र सरकार को लावारिस कुत्तों की नसबंदी और रोगाणु रहित करने के बाद वापस उसी स्थान पर छोड़े जाने के नियम पर पुनर्विचार करने के आदेश दिए थे।

कोर्ट ने सभी प्रतिवादियों को चार सप्ताह के भीतर उपयुक्त हलफनामा दायर करने के आदेश जारी किए। एनिमल बर्थ कंट्रोल एक्ट 2023 के तहत बनाए नियम में लावारिस कुत्तों को नसबंदी और रोगाणु रहित करने के बाद उसी स्थान पर छोड़ा जाता है जहां से उन्हें पकड़ा जाता है। कोर्ट ने कहा था कि इस नियम पर पुनर्विचार की जरूरत है, क्योंकि ऐसा करने से छोटे बच्चों और बुजुर्गों को इनके आक्रमण से ज्यादा खतरा पैदा होता है।

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कोर्ट ने इन आदेश को संबंधित अथॉरिटी के ध्यान में लाने के आदेश देते हुए कहा था कि उक्त प्रावधान में उपयुक्त संशोधन कर शहरी और स्कूलों के आसपास के क्षेत्रों को इस नीति से मुक्त रखा जाए। कोर्ट ने वन विभाग और नगर निगम शिमला को आदेश दिए थे कि वह बंदरों और कुत्तों के आतंक को नियंत्रित करने के लिए अपने प्रयत्नों को जारी रखे। याचिकाकर्ताओं का कहना है कि हाईकोर्ट के इन आदेश के बावजूद अभी तक कोई ठोस कदम नहीं उठाए गए हैं। प्रदेश की राजधानी सहित अन्य शहरों में रोजाना कुत्तों द्वारा लोगों को काटने के मामले सामने आ रहे हैं।

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