हिमाचल प्रदेश में आर्थिक संकट और गहरा गया है। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू भले ही अपने व्यक्तिगत दौरे पर विदेश में हैं और उनके सिपहसलार प्रदेश में सब कुछ ठीक होने का दावा कर रहे हैं, लेकिन हकीकत इसके विपरीत है। प्रदेश में कर्मचारियों का वेतन कोरोना जैसी महामारी में भी नहीं रुका, लेकिन अब दूसरा महीना बीतने के बाद भी कई निगमों में कर्मचारियों को वेतन नहीं मिल रहा है। हिमाचल प्रदेश पर्यटन विकास निगम इसका ताजा उदाहरण है, जहां लगभग सितंबर महीना बीतने के बाद भी कर्मचारियों की जेबें खाली हैं और उनका वेतन का इंतजार अभी भी खत्म नहीं हुआ है।
हिमाचल प्रदेश पर्यटन विकास निगम के कर्मचारियों को 21 सितंबर तक भी अगस्त महीने की पगार नहीं मिली है। इस कारण इन कर्मचारियों को अब घर का खर्च चलाना भी मुश्किल हो गया है। कर्मचारियों का कहना है कि निगम प्रशासन गहरी नींद में सोया हुआ है, जिसे जगाना जरूरी हो गया है। निगम कर्मचारियों का कहना है कि त्यौहारों का सीजन आरंभ हो गया है। इसके बावजूद उन्हें उधार लेकर बैंक की किस्तें चुकानी पड़ रही है।
भारतीय मजदूर संघ की हिमाचल प्रदेश इकाई ने निगम कर्मचारियों को लगभग 2 महीने बाद भी वेतन न देने के लिए निगम प्रबंधन की कड़े शब्दों में निंदा की है।
भारतीय मजदूर संघ के प्रदेश अध्यक्ष मदन राणा, महामंत्री यशपाल हेटा और पर्यटन निगम के प्रभारी डीआर चौहान ने रविवार को शिमला में संयुक्त बयान में निगम प्रशासन को चेतावनी दी है कि अगर तुरंत निगम के कर्मचारियों का वेतन जारी नहीं किया तो निगम प्रबंधन का घेराव किया जाएगा जिसकी पूरी जिम्मेदारी निगम प्रशासन की होगी।