छलकने लगा कर्मचारियों के सब्र का प्याला
हिमाचल प्रदेश की कांग्रेस सरकार खासकर मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के कर्मचारियों को बार-बार आश्वासन का झुनझुना थमाने और फिर इसे पूरा न करने के चलते राज्य के लगभग अढ़ाई लाख कर्मचारी और लगभग 2 लाख पेंशनरों के सब्र का प्याला छलकने लगा है। कर्मचारियों का महंगाई भत्ता, डीए लंबे समय से अटका हुआ है। हिमाचल अध्यापक संघ के अध्यक्ष व संयुक्त कर्मचारी महासंघ के नेता वीरेंद्र चौहान ने शनिवार को शिमला में पत्रकार वार्ता में सरकार को दो टूक चेतावनी दी कि यदि जल्द डीए जारी नहीं किया गया तो कर्मचारी बड़े आंदोलन का रुख करेंगे।
वीरेंद्र चौहान ने कहा कि 13 फीसदी डीए लंबित हो चुका है और सरकार लगातार खराब आर्थिक स्थिति का हवाला देकर इसमें देरी कर रही है। उन्होंने पूछा कि जब सरकार कर्मचारियों को डीए देने में सक्षम नहीं है तो ओल्ड पेंशन स्कीम कहां से देगी?
कर्मचारी नेता ने कहा कि मुख्यमंत्री ने बजट सत्र के दौरान मई महीने में 3 फीसदी डीए देने की घोषणा की थी, लेकिन अगस्त तक भी इसे लागू नहीं किया गया। इससे कर्मचारियों में गहरा रोष है। चौहान ने कहा कि सरकार एक ओर दावा करती है कि पैसों की कमी नहीं है, दूसरी ओर डीए को लटकाकर कर्मचारियों को परेशान किया जा रहा है। वीरेंद्र चौहान ने शिक्षा विभाग में खाली पड़े हजारों पदों को लेकर भी सरकार को घेरा। उन्होंने कहा कि नई भर्तियों के बिना सरकारी स्कूलों में शिक्षा की गुणवत्ता प्रभावित हो रही है और बच्चों का नामांकन लगातार घट रहा है। स्कूल बंद करना समाधान नहीं है।