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लॉटरी पुन: आरंभ करने का फैसला दुर्भाग्यपूर्ण : धूमल

भाजपा के वरिष्ठ नेता एवं पूर्व मुख्यमंत्री प्रो. प्रेम कुमार धूमल ने शनिवार को अपने आवास समीरपुर से प्रेस बयान जारी करते हुए प्रदेश सरकार द्वारा चार दिवसीय महामंथन मंत्रिमंडल बैठक में लिए गए लॉटरी पुन: आरंभ करने के निर्णय...
पूर्व मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल
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भाजपा के वरिष्ठ नेता एवं पूर्व मुख्यमंत्री प्रो. प्रेम कुमार धूमल ने शनिवार को अपने आवास समीरपुर से प्रेस बयान जारी करते हुए प्रदेश सरकार द्वारा चार दिवसीय महामंथन मंत्रिमंडल बैठक में लिए गए लॉटरी पुन: आरंभ करने के निर्णय की कड़ी निंदा की है। उन्होंने कहा कि यह निर्णय प्रदेश के लिए अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण है और हिमाचल को बर्बादी की ओर ले जाएगा। धूमल ने कहा कि लॉटरी जैसी व्यवस्था जनता के जीवन को बर्बाद करती है और इससे समाज में आर्थिक तथा सामाजिक संकट गहराता है।

उन्होंने याद दिलाया कि आज से 30 वर्ष पूर्व, 17 अप्रैल 1996 को हाईकोर्ट ने प्रदेश में चल रही सिंगल डिजिट लॉटरी की बिक्री पर पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया था। इसके उपरांत, जब वे 1998 में पहली बार प्रदेश के मुख्यमंत्री बने, तो 1999 में भाजपा सरकार ने सर्वसम्मति से हिमाचल में पूरे लॉटरी सिस्टम को बंद करने का ऐतिहासिक निर्णय लिया।

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उन्होंने कहा कि यह निर्णय केवल प्रशासनिक नहीं, बल्कि सामाजिक दृष्टिकोण से भी महत्वपूर्ण था। उस समय कर्मचारी, सेवानिवृत्त, मजदूर और युवा बड़ी संख्या में लॉटरी खरीदने लगे थे। इस कारण उनकी सैलरी, पेंशन और बचत दांव पर लग गई थी। कई परिवार तबाह हो गए थे। उन्होंने मांग की कि कांग्रेस सरकार तुरंत प्रभाव से इस जनविरोधी निर्णय को वापस ले। धूमल ने कहा कि हिमाचल की जनता को लॉटरी जैसी बुरी आदतों के दलदल में धकेलना किसी भी दृष्टि से जनहित में नहीं है। उन्होंने चेतावनी दी कि भाजपा जनता के साथ मिलकर इस मुद्दे को सशक्त रूप से उठाएगी।

 

फोटो 2 एचएमआर 4 . . . पूर्व मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल

 

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