Tribune
PT
About the Dainik Tribune Code Of Ethics Advertise with us Classifieds Download App
search-icon-img
Advertisement

हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय में शिक्षकों और कर्मचारियों को नहीं मिला वेतन

हिमाचल प्रदेश की सुखविंदर सिंह सुक्खू सरकार भले ही अपने निगमों और बोर्डों के अध्यक्षों और उपाध्यक्षों का वेतन धड़ल्ले से बढ़ा रही है। लेकिन सच्चाई यह है कि सरकार के पास प्रदेश के सबसे प्रतिष्ठित शिक्षण संस्थान हिमाचल प्रदेश...
  • fb
  • twitter
  • whatsapp
  • whatsapp
Advertisement

हिमाचल प्रदेश की सुखविंदर सिंह सुक्खू सरकार भले ही अपने निगमों और बोर्डों के अध्यक्षों और उपाध्यक्षों का वेतन धड़ल्ले से बढ़ा रही है। लेकिन सच्चाई यह है कि सरकार के पास प्रदेश के सबसे प्रतिष्ठित शिक्षण संस्थान हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय के शिक्षकों और कर्मचारियों को वेतन देने के भी पैसे नहीं हैं। अगस्त महीने का पहले सप्ताह बीत चुका है लेकिन हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय में शिक्षकों और कर्मचारियों को अभी तक पगार नहीं मिली है। ऐसे में ये शिक्षक और कर्मचारी असमंजस में है कि उन्हें इस महीने सरकार की ओर से वेतन दिया भी जाएगा या फिर अन्य निगमों और बोर्डों की भांति उन्हें भी हफ्तों तक वेतन के लिए इंतजार करना पड़ेगा। हालांकि विश्वविद्यालय के शिक्षकों और कर्मचारियों ने वेतन न मिलने के खिलाफ हुंकार भी भर दी है और आज बृहस्पतिवार को इन शिक्षकों व कर्मचारियों ने विश्वविद्यालय कुलपति का दरवाजा वेतन के लिए खटखटा दिया है।

हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय शिक्षक संघ हपुटा प्रतिनिधियों ने शिक्षकों व कर्मचारियों के वेतन में देरी को लेकर कुलपति प्रो. महावीर सिंह से मुलाकात के दौरान इस मुद्दे के समाधान के लिए प्रो.महावीर सिंह द्वारा उठाए गए कदमों और सक्रिय पहल की सराहना की। कुलपति ने प्रतिनिधिमंडल को आश्वस्त किया कि वे राज्य सरकार के लगातार संपर्क में हैं और इस समस्या का शीघ्र समाधान करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। उन्होंने यह भी कहा कि वे दिल्ली से आधिकारिक दौरे से लौटने के उपरांत अगले 2-3 दिनों में मुख्यमंत्री से इस मुद्दे पर भेंट करेंगे। हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय शिक्षक संघ के प्रतिनिधियों ने यह भी प्रस्ताव रखा कि यदि आवश्यक हो तो वे कुलपति के साथ मुख्यमंत्री से मुलाकात में शामिल होने के लिए तैयार हैं और वेतन में हो रही देरी के संबंध में कुलपति द्वारा उठाए गए मुद्दों का पूर्ण समर्थन करेंगे। हपुटा का कहना है कि वेतन के भुगतान में देरी से विश्वविद्यालय के कर्मचारी अपनी विभिन्न आवश्यकताओं के लिए लिये गए ऋणों की किस्तें आदि समय पर न चुकाने के दबाव में हैं।

Advertisement

Advertisement
×