शिमला (निस) : हिमाचल प्रदेश में कर्मचारियों की तनख्वाह और पेंशन के बढ़ते खर्च के बीच अन्य देनदारियां पूरी करने और विकास कार्यों के लिए हिमाचल की सुक्खू सरकार को एक बार फिर कर्ज लेने को मजबूर होना पड़ा है। विकास कार्यों के लिए राज्य को 1000 करोड़ कर्ज़ लेने को केंद्र सरकार से अनुमति मिल गई है। चालू वित्तीय वर्ष की पहली तिमाही में यह दूसरा मौका है जब कर्ज़ा लेने की नौबत आई। इससे पहले सरकार ने चालू जून माह में ही 800 करोड़ का ऋण लिया था। इस तरह चालू वित्त वर्ष में कांग्रेस सरकार 1800 करोड़ ऋण ले चुकी है। सुक्खू सरकार 1000 करोड़ का ऋण 500-500 की दो मदों में लेगी। विकास कार्यों के लिए लिये जाने वाले 500 करोड़ की रकम खजाने में 5 जुलाई को आएगी। सरकार को इसे 10 सालों अर्थात जुलाई 2033 तक लौटाना है।