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सुक्खू सरकार अब आलू का देगी समर्थन मूल्य

शिमला, 12 जून(हप्र) प्रदेश सरकार मक्की, गेहूं और हल्दी पर न्यूनतम समर्थन मूल्य देने के बाद अब आलू का भी समर्थन मूल्य देगी। यही नहीं सरकार प्राकृतिक खेती से उत्पादित फसलों के समर्थन मूल्य में भी और बढ़ोतरी की जाएगी।...
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शिमला, 12 जून(हप्र)

प्रदेश सरकार मक्की, गेहूं और हल्दी पर न्यूनतम समर्थन मूल्य देने के बाद अब आलू का भी समर्थन मूल्य देगी। यही नहीं सरकार प्राकृतिक खेती से उत्पादित फसलों के समर्थन मूल्य में भी और बढ़ोतरी की जाएगी। यह बात मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह ने आज शिमला में हिमाचल प्रदेश रिवाइटलाइजिंग रेनफेड एग्रीकल्चर नेटवर्क द्वारा आयोजित राज्य स्तरीय बहु-हितधारक परामर्श सम्मेलन की अध्यक्षता करते हुए कही। मुख्यमंत्री सुक्खू ने कहा है कि प्रदेश सरकार ग्रामीण अर्थव्यवस्था को सुदृढ़ करने के लिए निरंतर प्रयासरत है। उन्होंने कहा कि ऊना ज़िला में लगभग 20 करोड़ रुपये की लागत आलू प्रसंस्करण संयत्र स्थापित किया जाएगा। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार शीघ्र ही आलू का समर्थन मूल्य घोषित करेगी, जिससे किसानों की आर्थिकी को बल मिलेगा। प्राकृतिक खेती के महत्त्व पर उन्होंने कहा कि ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करने के लिए आगामी वर्ष अनेक नवीन योजनाएं कार्यान्वित की जाएंगी।मुख्यमंत्री ने कहा कि देश के उत्तरी-पूर्वी राज्यों के बाद हिमाचल प्रदेश में कैंसर के मामलों में सबसे अधिक बढ़ोतरी देखी जा रही है। खान-पान की आदतों में बदलाव भी इसका मुख्य कारण हो सकता है। इसका पता लगाने के प्रयास किए जा रहे हैं।

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मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश की 80 प्रतिशत आबादी आजीविका के लिए कृषि पर निर्भर है। कृषि हिमाचल की अर्थव्यवस्था की रीढ़ है और राज्य के सकल घरेलू उत्पाद में इसका लगभग 14 प्रतिशत योगदान है। वर्तमान में मौसम में जिस प्रकार से प्रतिकूल प्रभाव देखने को मिला है, वह कृषि के लिए चिंताजनक है। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार राज्य में हरित ऊर्जा को बढ़ावा दे रही है और प्राकृतिक खेती को प्रोत्साहित किया जा रहा है। प्राकृतिक खेती से उत्पादित फसलों का न्यूनतम समर्थन मूल्य निर्धारित किया गया है।

प्राकृतिक खेती के अनुभवों की पुस्तक का विमोचन

मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर प्राकृतिक खेती के अनुभवों पर आधारित पुस्तक का विमोचन भी किया। उन्होंने प्राकृतिक खेती से जुड़े प्रदेश के किसानों की सराहना करते हुए सरकार द्वारा इस दिशा में किए जा रहे प्रयासों की विस्तार से जानकारी दी। पदम श्री नेक राम शर्मा ने मुख्यमंत्री को कार्यक्रम की विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने जल, जंगल, जमीन को बचाने सहित मोटे अनाज के महत्त्व पर भी चर्चा की।

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