सुक्खू सरकार अगले सत्र से 100 स्कूलों में आरम्भ करेगी सीबीएसई पाठ्यक्रम
हिमाचल की सुक्खू सरकार ने शिक्षा के स्तर व गुणवत्ता मानकों को बढ़ाने और विद्यार्थियों को भविष्य की चुनौतियों के लिए बेहतर रूप से तैयार करने के दृष्टिगत राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालयों में सीबीएसई पाठ्यक्रम आरम्भ करने का निर्णय लिया...
हिमाचल की सुक्खू सरकार ने शिक्षा के स्तर व गुणवत्ता मानकों को बढ़ाने और विद्यार्थियों को भविष्य की चुनौतियों के लिए बेहतर रूप से तैयार करने के दृष्टिगत राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालयों में सीबीएसई पाठ्यक्रम आरम्भ करने का निर्णय लिया है। पहले चरण में राज्य के 100 राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशालाएं अगले शैक्षणिक सत्र से सीबीएसई से संबद्ध की जाएंगी। यह पहल हिमाचल प्रदेश स्कूल शिक्षा बोर्ड से संबद्ध स्कूलों और सीबीएसई से संबद्ध स्कूलों के मध्य स्वस्थ प्रतिस्पर्धा को बढ़ावा देगी। इससे विद्यार्थियों और शिक्षकों को बेहतर प्रदर्शन के लिए प्रोत्साहन मिलेगा। प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र में कम से कम एक सीबीएसई स्कूल खोला जाएगा ताकि सभी क्षेत्र के विद्यार्थी सुगमता से गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्राप्त कर सकें।
सीबीएसई पाठ्यक्रम राष्ट्रीय स्तर पर मान्यता प्राप्त और प्रतिस्पर्धात्मक परीक्षाओं के संदर्भ में व्यापक रूप से स्वीकार्य है। इस कदम से हिमाचली छात्रों में अकादमिक प्रतिस्पर्धात्मकता मजबूत होगी, उन्हें उच्च शिक्षा और पेशेवर करियर के अवसर प्राप्त होंगे साथ ही विद्यार्थियों को 21वीं सदी की चुनौतियों के लिए मदद मिलेगी।
इस व्यवस्था को लागू करने के लिए इन स्कूलों के लिए एक अलग सब-कैडर बनाया जाएगा। मौजूदा शिक्षकों को सीबीएसई सब-कैडर चुनने का विकल्प दिया जाएगा। प्रधानाचार्य, शिक्षक और गैर-शिक्षण कर्मचारियों का चयन योग्यता, अकादमिक उत्कृष्टता, सहपाठ्यक्रम गतिविधियों में योगदान और अन्य प्रासंगिक कारकों के आधार पर किया जाएगा। कर्मचारियों को प्रोत्साहित करने के लिए मौद्रिक और गैर मौद्रिक दोनों प्रकार की प्रदर्शन आधारित प्रोत्साहन योजना भी आरम्भ की जाएगी।
अतिरिक्त पद भी सृजित किए जाएंगे
सीबीएसई संबद्ध सरकारी स्कूल डे-बोर्डिंग संस्थानों के रूप में भी कार्य करेंगे और विद्यार्थियों के चहूंमुखी विकास पर विशेष ध्यान केन्द्रित करेंगे। अकादमिक शिक्षा के अलावा प्रदेश सरकार विद्यार्थियों के पोषण, खेलकूद, कला, कौशल विकास, सुधारात्मक शिक्षण, परामर्श, करियर मार्गदर्शन और कोचिंग पर भी विशेष ध्यान दिया जाएगा। इन पहलों को सफलतापूर्वक लागू करने के लिए आवश्यकता के आधार पर अतिरिक्त पद भी सृजित किए जाएंगे।

