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फिना सिंह परियोजना में प्रदेश को करोड़ों की चपत लगाने की तैयारी में सुक्खू सरकार : जयराम ठाकुर

जॉइंट वेंचर को रोककर सरकार अपने लोगों को पहुंचाना चाहती है फायदा
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शिमला, 22 जून (हप्र)नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने दावा किया है कि सुक्खू सरकार केंद्र सरकार द्वारा वित्त पोषित फिना सिंह नहर योजना में भ्रष्टाचार के रास्ते तलाश रही है। जयराम ठाकुर ने रविवार को शिमला में दावा किया कि सुक्खू सरकार टेंडर की शर्तों में जो हेर-फेर कर रही है, उससे प्रदेश को करोड़ों की चपत लग रही है।

उन्होंने कहा कि ज्वाइंट वेंचर पर रोक लगा कर सुक्खू सरकार एक तरफ नियमों की धज्जियां उड़ा रही है तो दूसरी तरफ टेंडर प्रक्रिया से बहुत सी बड़ी कंपनियों को बाहर का रास्ता दिखा रही है। जिसकी वजह से कई कंपनियां टेंडर प्रक्रिया से बाहर हो गई हैं और टेंडर का कम्पीटीशन घट गया है। उन्होंने कहा कि इसके बाद पहले से निर्धारित खेल शुरू हुआ है और सरकार की ही चहेती कंपनियों ने मिलकर ये खेल शुरू किया है। इसी का नतीजा है कि फिना सिंह प्रोजेक्ट के जिस टेंडर की कीमत 297 करोड़ थी, उसके लिए मिनिमम बिड 304 रुपए करोड़ के ऊपर आई है। सरकार इन्हीं कंपनियों को अब काम देकर प्रदेश को करोड़ों की चपत लगाएगी।

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जयराम ठाकुर ने खुलासा किया कि जिन कंपनियों का सरकार साथ दे रही है और जिन्हें जब-तब प्रोजेक्ट सौंपना चाहती है, उनकाे डैम बनाने का पहले कोई अनुभव ही नहीं है। हालांकि यह सरकार फिनाइल बेचने वाली कंपनी से नर्सों की भर्ती करवाने का हुनर रखती है, जिस पर उच्च न्यायालय द्वारा सवाल उठाया जा चुका है। ऐसे में सरकार द्वारा इस तरह से केंद्र सरकार द्वारा दी जा रही आर्थिक सहायता भी अपने चहेतों को लाभ देने में लुटाई जा रही है। इसके पहले सरकार ने पेखुवेला सोलर प्रोजेक्ट्स दोगुना कीमत पर बनवाया और इसी चक्कर में विमल नेगी की जान भी गई।

जयराम ठाकुर ने कहा कि सरकार ने ज्वाइंट वेंचर पर रोक लगाकर टेंडर से बहुत सी कंपनियों को बाहर कर दिया। यदि बहुत सारी कंपनियां इस बिडिंग प्रक्रिया में शामिल होती तो टेंडर में 25 से 30 प्रतिशत कम पर भी दांव लगता और इससे प्रदेश के 75 से 90 करोड़ रुपए बच सकते थे।

जयराम ठाकुर ने मांग की है कि यह बात सामने आने के बाद सरकार टेंडर प्रक्रिया में तुरंत रोक लगाए और सभी आरोपों की जांच करें। साथ ही ’विशेष कंपनियों’ को राहत देने के लिए बनाए गए प्रोविजन को हटाए और टेंडर की शर्तों को और अधिक ग्लोबल बनाए और फिर से टेंडर करे। जिससे ज्यादा से ज्यादा कम्पनियां टेंडर में भाग ले सकें और प्रतिस्पर्धा बढ़े। टेंडर की कीमतों से बहुत कम कीमत पर यह टेंडर अवॉर्ड हो और प्रदेश को करोड़ों का लाभ हो किसी कंपनी और उससे जुड़े लोगों को नहीं। इस प्रोजेक्ट में धांधली के सारे रास्ते बंद करने की जिम्मेदारी सरकार की है। साथ ही इस बात की जांच भी होनी चाहिए कि टेंडर की शर्तों में छेड़छाड़ किसके कहने पर किसे लाभ पहुंचाने के लिए की गई है। उन्होंने मुख्यमंत्री से प्रदेश हित के प्रोजेक्ट्स में धांधली के बजाय गुणवत्ता को तरजीह देने का आग्रह किया।

फिना सिंह सिंचाई परियोजना को 284 करोड़ रुपए मंजूर

फिना सिंह सिंचाई परियोजना को समय से पूरा करने और निर्माण कार्यों में गति देने के लिए केंद्रीय जल शक्ति मंत्रालय ने बीते साल अगस्त में प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना में शामिल कर 284 करोड़ का बजट मंजूर किया था। इसे केंद्र द्वारा‘त्वरित सिंचाई लाभान्वित कार्यक्रम के तहत मंजूर किया है। जिसमें 90 प्रतिशत केंद्र व 10 प्रतिशत राज्य सरकार ने खर्च करना है। फरवरी 2025 में केंद्र सरकार द्वारा इस परियोजना के निर्माण के लिए 67.5 करोड़ की पहली किश्त भी जारी कर चुका है। इस परियोजना के पूरा होने के बाद कांगड़ा जिला की सुल्याली की 4025 हेक्टेयर से ज़्यादा जमीन को सिंचाई सुविधा मिलेगी। जिससे लगभग 60 गांवों के लोग लाभान्वित होंगे और क्षेत्र में हरित क्रांति आएगी।

 

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