ज्ञान ठाकुर/निस
शिमला, 24 फरवरी
हिमाचल प्रदेश में विधायकों की जासूसी हो रही है। यह आरोप नेता प्रतिपक्ष मुकेश अग्निहोत्री ने विधानसभा में किया और सरकार पर सुनियोजित ढंग से विधायकों की जासूसी करने का आरोप लगाया। उन्होंने इसे विधायकों के विशेषाधिकार का हनन करार दिया और इसके लिए दोषी अधिकारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की। इस पर मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने सारे मामले की जांच का ऐलान किया और कहा कि यदि ऐसा हुआ है तो दोषी अधिकारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई होगी। उन्होंने इसे संवेदनशील मामला भी करार दिया।
नेता प्रतिपक्ष मुकेश अग्निहोत्री ने आज प्रश्नकाल के तुरंत बाद यह मामला उठाते हुए सरकार पर विधायकों की जासूसी का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि सीआईडी के एक अधिकारी ने सभी विधायकों के पीएसओ को संदेश भेजकर हर रोज सुबह 7.30 बजे से पहले विधायक की लोकेशन भेजने का फरमान जारी किया है। यही नहीं, इस संदेश में यह भी कहा गया है कि लोकेशन भेजने का पता विधायक को नहीं होना चाहिए। उन्होंने सरकार से जानना चाहा कि आखिरकार सीआईडी के अधिकारी को विधायकों की जासूसी करने का इतना साहस कहां से आ गया। अग्निहोत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार को विधायकों की जासूसी के लिए जब पेगासस नहीं मिल सका तो सरकार ने पीएसओ को ही पेगासस बना दिया। उन्होंने इस आदेश को विधायकों के विशेषाधिकार का हनन करार दिया और कहा कि सरकार को अब अपने विधायकों पर भी विश्वास नहीं रह गया है तथा सरकार गनमैन से मुखबिर की भूमिका करवाना चाहती है। उन्होंने यह भी कहा कि कांग्रेस विधायक सतपाल रायजादा के स्टाफ को मुखबरी के लिए रिश्वत की भी पेशकश की गई।
रायजादा को नहीं मिला मनमाफिक पीएसओ
कांग्रेस सदस्य सतपाल रायजादा ने कहा कि उन्होंने जिस पीएसओ की मांग की थी वह नहीं दिया गया और जिसे नहीं जानते, उसे भेजा गया। साथ ही कहा कि उससे पुलिस कर्मी कहने लगे कि विधायक की सारी जानकारी दें और बताएं कि विधायक कहां-कहां जाते हैं और किस-किस से मिलते हैं। इस पर मुख्यमंत्री ने कहा कि किसी भी विधायक के पीएसओ की विश्वसनीयता जांचना विभाग का काम है। हालांकि ये पीएसओ विधायक की पसंद के अनुसार ही दिए जाते हैं।
हड़ताल से खराब हो रहा वर्क कल्चर : मुख्यमंत्री
मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर की कर्मचारी आंदोलन पर तल्खी लगातार जारी है। राज्यपाल के अभिभाषण पर धन्यवाद पर हो रही चर्चा के दौरान विपक्षी दल कांग्रेस द्वारा इस मुद्दे पर सरकार पर तीखे हमले और कर्मचारी आंदोलन का समर्थन करने से खफा जयराम ठाकुर ने आज सदन में कहा कि कर्मचारियों की हड़ताल से वर्क कल्चर खराब हो रहा है। नेता प्रतिपक्ष मुकेश अग्निहोत्री द्वारा यह मामला जोर-शोर से उठाए जाने पर कहा कि सरकार ने पंजाब वेतनमान के तहत जो बनता है वह कर्मचारियों को दिया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में सभी कर्मचारी आंदोलन नहीं कर रहे हैं, बल्कि कुछ ही कर्मचारी आंदोलन में हिस्सा ले रहे हैं और ये वही कर्मचारी हैं जिन्हें कांग्रेस और माकपा हवा दे रही है। उन्होंने इस परंपरा को गलत करार दिया। उन्होंने कहा कि कर्मचारी हमेशा सरकार के खिलाफ होते हैं, क्योंकि उन्हें यह आदत विभिन्न राजनीतिक दलों ने डाली है, लेकिन इससे प्रदेश का वर्क कल्चर खराब हो रहा है।
कोई सच्चाई हुई तो कड़ी कार्रवाई : जयराम
मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने इस आरोप को संवेदनशील करार दिया और स्पष्ट किया कि इस प्रकार के आदेश सरकार से किसी भी स्तर पर जारी नहीं हुए हैं। उन्होंने कहा कि विधायक का पीएसओ विभाग का कम और विधायक का ज्यादा विश्वसनीय होता है। ऐसे में उनसे मुखबरी का सवाल ही पैदा नहीं होता। मुख्यमंत्री ने कहा कि विपक्ष इस मुद्दे को ज्यादा सनसनीखेज न बनाए। उन्होंने कहा कि यदि इस संदेश में कोई सच्चाई पाई गई तो दोषी अधिकारी पर कड़ी कार्रवाई होगी क्योंकि यह संदेश गैर-जिम्मेदाराना है। उन्होंने कहा कि सरकार विधायकों की निजता को किसी भी तरह से भंग नहीं करेगी। हालांकि मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि विधायकों की सुरक्षा खासकर बाहरी राज्यों में सरकार की जिम्मेदारी है। उन्होंने कहा कि पुलिस मुख्यालय पहले से ही विधायकों की सुरक्षा के दृष्टिगत उनकी लोकेशन जानता रहा है और इसे कभी किसी भी दल ने मुद्दा नहीं बनाया।