एसपी ने डीजीपी पर लगाया झूठे हलफनामे का आरोप
विमल नेगी मौत मामले की जांच सीबीआई के सुपुर्द करने के हाईकोर्ट के आदेश के बाद हिमाचल पुलिस अधिकारियों की अंदरूनी कलह खुलकर सामने आ गई है। पुलिस अधीक्षक संजीव गांधी ने शनिवार को शिमला में पत्रकार वार्ता में कहा कि अगर कोई मेरी इस ईमानदारी व प्रोफेशनल अखंडता पर सवाल उठाता है तो मैं पुलिस का पद छोड़ना पसंद करूंगा। जिला पुलिस कप्तान ने अपने ही डीजीपी पर कई गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश के पुलिस महानिदेशक डॉक्टर अतुल वर्मा ने विमल नेगी मौत मामले में हिमाचल प्रदेश हाई कोर्ट में झूठा हालकनामा दायर किया है।
गांधी ने कहा कि जब मिडल बाजार में गैस ब्लास्ट हुआ, तो इसमें जानबुझकर एनएसजी को बुलाया जाता है। कुछ समय के बाद एनएसजी की रिपोर्ट आती है कि यह धमका आतंकी हमला है और इसमें आरडीएक्स मिला था। फिर डीजीपी मेरे बारे में मुख्य सचिव को पत्र लिखते हैं कि इसमें एसपी शिमला की लापरवाही है और सबूतों को नष्ट किया गया है। लेकिन आज उस जांच की रिपोर्ट सामने आ गई है, जिसमें यह पाया गया कि उसमें कोई विस्फोटक सामग्री नहीं थी, एलपीजी से विस्फोट हुआ था। एसपी संजीव गांधी ने कहा कि उन्होंने धर्मशाला से भाजपा विधायक सुधीर शर्मा के खिलाफ मानहानि का मुकदमा दर्ज किया है। यह मामला 21 मई को हाईकोर्ट की कार्यवाही के वीडियो क्लिप को कथित तौर पर वायरल करने पर दायर किया है।
किरण नेगी को जगी न्याय की उम्मीद
चीफ इंजीनियर विमल नेगी की पत्नी किरण नेगी ने हिमाचल पावर कार्पोरेशन के अधिकारियों पर अपने पति को प्रताड़ित करने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि हाईकोर्ट ने विमल नेगी की मृत्यु के मामले की जांच सीबीआई को सौंपी है। उन्होंने कहा कि सीबीआई जांच से उन्हें न्याय की उम्मीद जगी है। उन्होंने विमल नेगी को न्याय दिलाने के लिए प्रदेश भर से आवाज उठाने वाले तमाम लोगों का भी आभार जताया। रिकांगपिओ में पत्रकार वार्ता में किरण नेगी ने कहा कि विमल नेगी एचपीपीसीएल के कर्मठ व ईमानदार अधिकारी थे।