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सिरमौर की बेटी का डबल धमाल शास्त्रीय और सुगम संगीत में मिला ‘ए’ ग्रेड

हिमाचल प्रदेश से ‘ए’ ग्रेड हासिल करने वाली पहली महिला बनी डॉ. सविता

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डॉ.सविता सहगल, जिन्हें हिन्दुस्तानी शास्त्रीय संगीत व सुगम संगीत में ए ग्रेड मिला है। -निस
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यशपाल कपूर/निस

सोलन, 8 अगस्त

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जि़ला सोलन के डिग्री कॉलेज कंडाघाट में संगीत विषय में एसोसिएट प्रोफेसर पद पर कार्यरत डा. सविता सहगल ने एक साथ दो बड़ी उपलब्धियां हासिल की हैं।

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वह आकाशवाणी से शास्त्रीय संगीत गायन और सुगम संगीत जैसी कठिन गायन विधाओं में ‘ए’ ग्रेड प्राप्त करने वाली हिमाचल प्रदेश की प्रथम महिला कलाकार बन गई हैं। उनकी इस उपलब्धि ने हिमाचल प्रदेश की संगीत कला को एक नई पहचान दिलाई है।

डॉ. सविता सहगल का जन्म सिरमौर जिला के राजगढ़ उपमंडल के तहत आने वाले भूइरा गांव में डॉ. कृष्ण लाल सहगल व स्वर्गीय शारदा देवी के घर 2 मार्च 1975 को हुआ। बचपन से ही घर में संगीत का माहौल था। छोटी उम्र में ही सविता ने गायन आरंभ कर दिया। गांव के समीप प्राथमिक पाठशाला दून-देहरिया से पांचवी तक की शिक्षा हासिल की।

पांचवी कक्षा के दौरान एक संगीत प्रतियोगिता में पहला स्थान हासिल किया। इसके बाद केंद्रीय विद्यालय सुबाथू और शिमला से अपनी जमा दो तक की शिक्षा ली। सविता ने आरकेएमवी कॉलेज शिमला से अपनी स्नातक की डिग्री उत्तीण की।

इस दौरान युवा उत्सव समेत अन्य संगीत प्रतियोगिताओं में हिस्सा लेती रही। कॉलेज की पढ़ाई पूरी करने के बाद हिमाचल प्रदेश यूनिवर्सिटी में प्रवेश लिया। वह एमए संगीत गायन में गोल्ड मेडलिस्ट भी रह चुकी हैं। वर्ष 1999 में उन्हें कॉलेज में सहायक प्राध्यापक की नौकरी मिल गई। वर्ष 2000 में उन्होंने अपनी पीएचडी की डिग्री कंपलीट की। सबसे कम उम्र में कॉलेज में सहायक प्राध्यापक बनने का रिकार्ड भी उनके नाम दर्ज हैं। महज साढ़े तेइस साल की उम्र में वह इस पद पर पहुंची। उनकी छोटी बहन नीरजा भी राजगढ़ कॉलेज में सहायक प्राध्यापक (संगीत) के  पद पर कार्यरत है।

सात दशक में नहीं मिला किसी महिला को ए ग्रेड

उल्लेखनीय है कि शिमला में 1955 में आकाशवाणी केंद्र की स्थापना हुई थी। तब से लेकर वर्ष 2024 तक की अवधि में डा. सविता सहगल शास्त्रीय संगीत और सुगम संगीत में ‘ए’ ग्रेड प्राप्त करने वाली हिमाचल प्रदेश की प्रथम महिला कलाकार बनी हैं। प्रसार भारती/आकाशवाणी केंद्रीय स्वर परीक्षा बोर्डए दिल्ली द्वारा वर्ष 2023 में आयोजित की गई स्वर परीक्षा रिकॉर्डिंग के आकलन में डा. सविता को शास्त्रीय संगीत और सुगम संगीत में ‘ए’ ग्रेड हासिल हुआ है।

पिता पहले गुरू...

डॉ. सविता सहगल ने दैनिक ट्रिब्यून से बातचीत में बताया कि उनके पहले गुरू उनके पिता डॉ. कृष्णलाल सहगल हैं। डॉ. सहगल स्वयं हिमाचल प्रदेश के प्रख्यात कलाकार हैं। उन्होंने अपनी इस उपलब्धि का श्रेय पिता डॉ.कृष्ण लाल सहगल, अपने गुरु पदमश्री पंडित सोम दत्त बट्टू ( शास्रीय संगीत)और मालाश्री प्रसाद ( सुगम संगीत) को समर्पित किया है। उनका कहना है कि इन व्यक्तित्वों ने न केवल उनकी कला को संवारने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई बल्कि उन्हें इस मुकाम तक पहुंचाने में भी निर्णायक योगदान दिया।

1995 से जुड़ी थी आकाशवाणी शिमला से...

डाॅ. सविता सहगल वर्ष 1995 से रेडियो और दूरदर्शन पर सुगम संगीत एवं वर्ष 2009 से शास्त्रीय संगीत का गायन प्रस्तुत करती आ रही हैं। इसके अतिरिक्त कई बड़े संगीत सम्मेलनों, धार्मिक, सांस्कृतिक और सामाजिक समारोह में अपने शास्त्रीय, उप-शास्त्रीय और सुगम संगीत कला का विभिन्न मंचों से प्रदर्शन करती आ रहीं हैं। वह गज़़ल एवं लोक संगीत के अनेक कैसेट और सीडी में भी आवाज़ दे चुकी हैं। उनकी एक पुस्तक प्रकाशित हो चुकी है, जबकि दूसरी पर काम अंतिम चरण में है। इसके अलावा विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं में उनके शोध पत्र छपते रहे हैं।

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