शिमला, 18 अप्रैल (हप्र)
हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने संशोधित वेतनमान के अनुसार ग्रेच्युटी की बकाया राशि जारी न करने पर उच्च शिक्षा निदेशक को कारण बताओ नोटिस जारी किया है। मुख्य न्यायाधीश एम एस रामचंद्र राव और न्यायाधीश ज्योत्सना रिवाल दुआ की खंडपीठ ने उच्च शिक्षा निदेशक अमरजीत कुमार शर्मा को नोटिस जारी कर पूछा है कि क्यों न उनके खिलाफ अदालती आदेशों की अवमानना का मुकदमा चलाया जाए।
हाईकोर्ट ने प्रार्थियों को संशोधित वेतनमान के आधार पर ग्रेच्युटी जारी करने के आदेश दिए थे। 4 जनवरी, 2024 को साफतौर पर हाईकोर्ट ने उच्च शिक्षा निदेशक की उपस्थिति में आदेश जारी किए थे कि 15 मार्च तक प्रार्थियों के सेवानिवृत्ति लाभ जारी कर दिए जाएं। इसके बावजूद शिक्षा विभाग ने याचिकाकर्ता गजराज ठाकुर और अन्य को संशोधित वेतनमान के आधार पर संशोधित ग्रेच्युटी की बकाया राशि जारी नहीं की। कोर्ट ने कहा कि 31 दिसंबर, 2020 और 31 जनवरी, 2017 को सेवानिवृत्त होने वाले प्रार्थियों को
कोर्ट के स्पष्ट आदेशों के बावजूद संशोधित ग्रेच्युटी की बकाया राशि जारी नहीं की गई।
बृहस्पतिवार को मामले पर सुनवाई के दौरान कोर्ट में अतिरिक्त उच्च शिक्षा निदेशक उपस्थित हुए। कोर्ट ने प्रार्थियों की बकाया राशि जारी न करने को प्रथम दृष्टया अपने आदेशों की अवहेलना का मामला पाया। इस पर कोर्ट ने उच्च शिक्षा निदेशक के खिलाफ कारण बताओ नोटिस जारी किया। मामले पर सुनवाई 22 अप्रैल को निर्धारित की गई है।