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पर्यटकों के लिए खुला किन्नौर का शिपकी—ला

सीएम सुक्खू ने किया सीमा पर्यटन गतिविधियों का शुभारंभ
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किन्नौर के शिपकी ला में मंगलवार को मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू सीमा पर्यटन गतिविधियों का शुभारंभ करते हुए। -हप्र
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शिमला, 10 जून (हप्र)

हिमाचल प्रदेश के जनजातीय जिला किन्नौर का शिपकी-ला और कुछ अन्य सीमावर्ती गांव पर्यटकों के लिए खुल गए हैं। राज्य के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने मंगलवार को शिपकी-ला में सीमा पर्यटन गतिविधियों का शुभारंभ किया। सुक्खू ने इस मौके पर ऐलान किया कि वह शिपकी-ला के माध्यम से कैलाश मानसरोवर यात्रा आरंभ करने का मामला केंद्र सरकार से उठाएंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि वह स्वयं प्रधानमंत्री से भेंट कर यह विषय उनके सामने प्रस्तुत करेंगे। शिपकी-ला से कैलाश मानसरोवर यात्रा के लिए सबसे सुगम मार्ग उपलब्ध होगा। इस अवसर पर जनसभा को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि सीमा पर्यटन गतिविधियों के आरम्भ होने से पर्यटन के साथ-साथ स्थानीय लोगों की आर्थिकी भी सशक्त होगी। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने रक्षा मंत्रालय से सीमावर्ती क्षेत्र लेपचा, शिपकी-ला, गिऊ और रानी कंडा में पर्यटन गतिविधियों को अनुमति प्रदान करने का आग्रह किया था। स्वीकृति प्राप्त होने के उपरांत सीमा पर्यटन गतिविधियों का शुभारम्भ किया गया।

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उन्होंने कहा कि वर्ष 2020 से भारत चीन व्यापार शिपकी-ला के माध्यम से बंद है। इस दर्रे के माध्यम से व्यापार और सांस्कृतिक आदान-प्रदान की असीम संभावनाएं हैं। इसे पुनः आरम्भ करने का मामला भी केन्द्र सरकार के समक्ष उठाया जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार ने केन्द्र से हिमाचल स्काउट बटालियन की स्थापना का आग्रह किया है, जिसमें राज्य के सीमावर्ती क्षेत्रों के लोगों के लिए विशेष कोटा होगा।

उन्होंने कहा कि इन कदमों से पर्यटन को प्रोत्साहन मिलेगा और स्थानीय अर्थव्यवस्था भी सुदृढ़ होगी। उन्होंने कहा कि लाहौल-स्पीति जिला से किन्नौर को जोड़ने वाली वांगतू-अटरगू-मुद-भावा दर्रा मार्ग को राष्ट्रीय वन्य जीव बोर्ड से मंजूरी मिली है। जिससे इसके निर्माण का मार्ग प्रशस्त हुआ है। इस सड़क के बनने से शिमला और काजा के बीच दूरी लगभग 100 किलोमीटर कम हो जाएगी।

हवाई अड्डा स्थापित करने का मुद्दा केंद्र के समक्ष उठेगा

सीएम ने बताया कि सीमावर्ती क्षेत्रों में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए हवाई अड्डा स्थापित करने का मामला भी केन्द्र के समक्ष उठाया जाएगा। राज्य सरकार केन्द्र सरकार से सैन्य और अर्ध सैनिक बलों की इनर लाइन चेक पोस्ट को समाप्त करने का आग्रह करेगी, जिससे वर्तमान में पर्यटकों के लिए परमिट संबंधी बाधा उत्पन्न होती है। यात्रा को सरल और पर्यटकों के अनुभव को बेहतर बनाने पर भी विशेष ध्यान दिया जा रहा है, जिसके तहत भारतीय सेना और अर्ध सैनिक बलों के साथ सहयोग पर बल दिया जाएगा।

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