शिमला, 28 फरवरी (निस)
राज्यपाल राजेन्द्र विश्वनाथ आर्लेकर ने कहा है कि विज्ञान का वास्तविक उपयोग समाज के हित में होना चाहिए। राज्यपाल ने आज कांगड़ा जिले के सीएसआईआर-हिमालय जैव-संपदा प्रौद्योगिकी संस्थान, पालमपुर में राष्ट्रीय विज्ञान दिवस पर आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान यह बात कही। राज्यपाल ने कहा कि विश्व ने इस दिन प्रख्यात वैज्ञानिक सीवी रमन के वैज्ञानिक आविष्कार को मान्यता प्रदान की और उनके द्वारा दिए गए रमन इफेक्ट पर देश को गर्व है। उन्होंने कहा कि विज्ञान जीवन का एक अभिन्न अंग है और कई वैज्ञानिक आविष्कार हमारे पूर्वजों के विचारों से प्रेरित हैं। आर्लेकर ने कहा, हमारी मानसिक सोच की कमी कहीं न कहीं हमें सोचने पर मजबूर कर देती है कि यह आज का ही शोध है। उन्होंने कहा कि हमारे ऋषि-मुनियों का शोध आज भी प्रासंगिक है और दुनिया में इसे अब स्वीकार किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि हमने अध्यात्म को विज्ञान से जोड़ा है ताकि विज्ञान का उपयोग मानव कल्याण के लिए किया जाए। उन्होंने कहा कि यह देश के अग्रणी संगठन वैज्ञानिक तथा औद्योगिक अनुसंधान परिषद की प्रतिष्ठित प्रयोगशाला है। उन्होंने कहा कि सीएसआईआर-आईएचबीटी में अनुसंधान कार्य समाज के हित में किया जा रहा है और अधिकांश शोध कृषक कल्याण के लिए समर्पित हैं। इस अवसर पर सीएसआईआर-आईएचबीटी के निदेशक संजय कुमार ने कहा कि संस्थान राष्ट्रहित में कार्य करना निरंतर जारी रखेगा।