शिमला, 15 फरवरी (निस)
हिमाचल प्रदेश में स्कूलों में 17 फरवरी से रौनक पूरी तरह लौट आएगी। प्रदेश मंत्रिमण्डल द्वारा बीते रोज इस संबंध में फैसला लेने के बाद अब शिक्षा विभाग ने स्कूलों को पूरी तरह से खोलने के लिए कमर कस ली है। इसके लिए शिक्षा विभाग ने आज बाकायदा एसओपी भी जारी कर दी है। शिक्षा विभाग द्वारा आज जारी एसओपी में सभी स्कूलों को एसओपी का कड़ाई से पालन करने को कहा गया है ताकि स्कूलों अथवा अन्य शिक्षण संस्थानों में कोरोना संक्रमण के खतरे को शून्य किया जा सके। इसके लिए शिक्षा विभाग ने स्कूलों के प्रिंसिपलों को स्कूल की क्षमता के अनुसार बच्चों को स्कूल बुलाने के लिए योजना बनाने के लि भी अधिकृत किया है। शिक्षा विभाग ने स्कूलों में कोरोना संक्रमण के खतरे को टालने के लिए मॉर्निंग असेंबली सहित सभी प्रकार के सांस्कृतिक और खेल गतिविधियों पर प्रतिबंध रखने का निर्णय लिया है। यही नहीं स्कूल आने और जाने के लिए बच्चों को अलग-अलग समय दिया जाएगा। लंच टाइम भी किसी भी स्कूल में एक साथ नहीं होगा और इसे अलग-अलग निर्धारित करने के निर्देश दिए गए हैं। शिक्षा विभाग के निदेशक अमरजीत शर्मा के अनुसार जिन स्कूलों में बच्चों की संख्या ज्यादा है वहां प्रिंसिपल बच्चों को सुबह और शाम दो अलग-अलग सत्रों में स्कूल बुलाएंगे। यही नहीं बोर्ड और नॉन बोर्ड की कक्षाओं के विद्यार्थियों को अलग-अलग दिन बुलाने का भी प्रिंसिपल को विकल्प दिया है।
खुलेंगे सिनेमा हॉल और धार्मिक लंगर
हिमाचल प्रदेश में 17 फरवरी से सिनेमा हॉल, स्टेडियम, स्वीमिंग पुल, मल्टीप्लैक्स और धार्मिक लंगरों में भी रौनक लौट आएगी। प्रदेश आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ने इस संबंध में आज आदेश जारी कर दिए हैं। प्राधिकरण द्वारा जारी आदेशों में इन सभी स्थानों पर कोरोना से बचाव के नियमों का कड़ाई से पालन करने को कहा गया है। मंदिरों में लंगर की इजाजत दिए जाने के चलते मंदिरों में भीड़ बढ़ने की उम्मीद है। लगभग दो सालों से लंगर पर प्रतिबंध के चलते श्रद्धालुओं को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।