शिमला, 10 नवंबर (निस)
हिमाचल प्रदेश के प्राइमरी स्कूलों में कोरोनाकाल के बाद आज से फिर रौनक लौट आई है। लगभग पौने दो साल बाद आज से तीसरी से सातवीं तक की कक्षाएं फिर से नियमित तौर पर आरंभ हो गई हैं। प्राइमरी स्कूलों में आज से लगभग सात लाख बच्चे स्कूल आना आरंभ हुए हैं। इस बीच लगभग पौने दो साल बाद स्कूल खुलने से नन्हे-मुन्नों के चेहरों पर खुशी साफ झलक रही थी और ये बच्चे अपने साथियों से मिलकर काफी खुश नजर आए। स्कूलों में पहुंचने वाले विद्यार्थियों को कोविड दिशा-निर्देशों का पालन अनिवार्य बनाया गया है और स्कूल में प्रवेश करने वाले हर विद्यार्थी के हाथों को जहां सेनेटाइज किया गया वहीं उनकी थर्मल स्केनिंग भी की गई। कक्षाओं में भी विद्यार्थियों को सामाजिक दूरी के नियम की पालना करते हुए बिठाया गया। कुल्लू की राजकीय प्राथमिक पाठशाला सुल्तानपुर में नियमित पढ़ाई के लिए पहुंचे बच्चे काफी खुश नजर आए लंबे समय बाद अपने साथियों से मिलने की खुशी उनके चेहरे पर साफ झलक रही थी। सुल्तानपुर प्राइमरी स्कूल की मुख्य अध्यापिका शालिनी महंत ने इस मौके पर कहा कि बच्चों को कोविड प्रोटोकॉल के बारे में स्कूल पहुंचते ही विस्तृत जानकारी दी गई। इस दौरान बच्चों के अभिभावक कुछ चिंतित जरूर नजर आए। उनका कहना था कि बच्चों की सुरक्षा के लिए उनका टीकाकरण भी जरूरी है। नाहन में भी प्राईमरी स्कूल पूरे कोरोना प्रोटोकॉल के साथ आज से आरंभ हो गए। इस दौरान बच्चों में खासा उत्साह देखने को मिला। ऊना जिला में भी आज से 499 स्कूलों में छात्रों ने नियमित तौर पर कक्षाओं में आना प्रारंभ कर दिया है। प्रारंभिक शिक्षा उपनिदेशक देवेन्द्र चंदेल ने कहा कि स्कूल खोलने को लेकर सरकार द्वारा जारी दिशा निर्देशों का कड़ाई से पालन किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि यदि किसी स्कूल में कोई छात्र कोरोना संक्रमित पाया जाता है तो उस स्कूल को 48 घंटे के लिए बंद कर दिया जाएगा। सोलन में भी नौनिहाल कोरोना प्रोटोकॉल के तहत आज बड़ी संख्या में स्कूल पहुंचे।
50 फीसदी से ज्यादा बच्चे रहे हाजिर
हमीरपुर जिला में भी स्कूल खुलने पर स्कूलों में पहले दिन खासी रौनक नजर आई। जिले में पहले दिन 50 फीसदी से अधिक छात्र नियमित कक्षाएं लगाने के लिए पहुंचे। राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला हमीरपुर में अध्यापिका सुनीता ने कहा कि स्कूल खोलने को लेकर कोविड प्रोटोकॉल का कड़ाई से पालन किया जा रहा है। उन्होंने ये भी कहा कि ऑफलाईन कक्षाएं आरंभ होने से शिक्षक और विद्यार्थी दोनों ने ही राहत की सांस ली है। इस मौके पर स्कूल पहुंचे बच्चों ने कहा कि नियमित कक्षाओं के लिए लगभग पौने दो साल बाद स्कूल आना उनके लिए अच्छा अनुभव रहा है।