सनवारा टोल बैरियर कल से 30 अक्तूबर तक बंद
सड़क की खस्ताहालत के चलते हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने सनवारा टोल बैरियर को 20 सितंबर से 30 अक्तूबर 2025 तक बंद करने के आदेश दिए हैं। गौरतलब है कि इस मामले में सामान्य सुविधाओं की कमी के मुद्दे पर प्रदेश हाई कोर्ट ने स्वतः संज्ञान लिया है। मुख्य न्यायाधीश गुरमीत सिंह संधावालिया और न्यायाधीश रंजन शर्मा की खंडपीठ ने जिलाधीश सोलन को आदेश जारी किए हैं कि वे सड़क की दशा सुधारने के लिए नेशनल हाईवे अथॉरिटी को जरूरी सहायता मुहैया करवाएं। उन्हें कानून व व्यवस्था का आकलन करने के भी आदेश जारी किए गए हैं। इसके अलावा कोर्ट ने लोक निर्माण विभाग को आदेश जारी किए हैं कि वह कैथली घाट से शिमला तक सड़क मार्ग की दशा को सुधारने के लिए कार्य करें। खासकर शोघी औद्योगिक क्षेत्र में सड़क की खस्ताहालत को भी सुधारने के लोक निर्माण विभाग को आदेश जारी किए गए हैं। मामले पर आगामी सुनवाई 30 अक्तूबर को निर्धारित की गई है।
गौरतलब है कि प्रदेश हाई कोर्ट ने नगर परिषद नंगल की सीमा से सटे चार टोल प्लाजा के कारण स्थानीय निवासियों को हो रही कठिनाई को दूर करने के आग्रह को लेकर दायर याचिका को विस्तार देते हुए एनएचएआई को प्रदेश के अन्य टोल बैरियरों पर भी जवाब देने के आदेश जारी किए थे। जगह जगह अव्यवस्थित टोल बैरियर लगाने से जुड़ी जनहित याचिका को विस्तार देते हुए कोर्ट ने एनएचएआई से तीन सप्ताह के भीतर जवाब तलब किया था। कोर्ट ने कहा था कि कुछ टोल बैरियरों से बाधा मुक्त यातायात में कठिनाइयां पैदा हो रही है।
कोर्ट ने कहा कि यह ध्यान देने योग्य है कि एनएचएआई द्वारा सनवारा में एक और बैरियर/संग्रह केंद्र स्थापित किया गया है, जिसके दोनों ओर कई लेन हैं। इसलिए, यह उचित होगा कि प्रतिवादी सनवारा स्थित बैरियर/संग्रह केंद्र पर साझा सुविधा उपलब्ध कराने पर विचार करें। शुल्क साझा संग्रह केंद्र पर लिया जा सकता है या किसी वैकल्पिक स्थान की पहचान की जा सकती है जहां अधिक स्थान हो। ऐसा करना इसलिए उचित होगा क्योंकि पहाड़ी सड़क होने के कारण वाहनों के लिए कोई अन्य प्रवेश स्थान उपलब्ध नहीं है।
जनता के लिए असुविधा का कारण बन रहा एंट्री टैक्स
प्रदेश उच्च न्यायालय ने पिछले आदेशों में कहा था कि टिम्बर ट्रेल के पास चंडीगढ़-शिमला राजमार्ग पर वसूला जाने वाला हिमाचल प्रदेश स्टेट एंट्री टैक्स आम जनता के लिए काफी असुविधा का कारण बन रहा है। यहां सप्ताहांत में, चूंकि आने वाले यातायात के लिए केवल 2/3 लेन ही उपलब्ध हैं और हिमाचल प्रदेश पंजीकृत वाहनों के लिए कोई निःशुल्क लेन का प्रावधान नहीं है, जिन्हें प्रवेश कर से छूट दी गई है, इसलिए सभी वाहनों को कतार में लगना पड़ता है।