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‘शोध शिक्षकों के आध्यात्मिक, भावात्मक क्षमता व समाज के हित में’

राष्ट्रीय व अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर हुए शोध कार्य में यह सिद्ध हुआ है कि आध्यात्मिक व भावात्मक बुद्धि का समन्वय शिक्षकों की कार्यक्षमता व शिक्षण को प्रभावशाली बनाने में अत्यंत प्रभावी है। यह शोध कार्य डॉ. सीमा भारद्वाज, जो रामपुर...
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राष्ट्रीय व अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर हुए शोध कार्य में यह सिद्ध हुआ है कि आध्यात्मिक व भावात्मक बुद्धि का समन्वय शिक्षकों की कार्यक्षमता व शिक्षण को प्रभावशाली बनाने में अत्यंत प्रभावी है। यह शोध कार्य डॉ. सीमा भारद्वाज, जो रामपुर बुशहर उपमंडल के नोगली स्थित सर्वपल्ली राधाकृष्णन महाविद्यालय में प्राचार्या के पद पर कार्यरत हैं, ने किया है। उनका यह प्रयोगात्मक शोध कार्य भावी अध्यापकों को आध्यात्मिक व भावनात्मक रूप से मजबूत व स्थिर बनाने में सहायक है। इस शोध कार्य मे पाया गया कि जिन शिक्षकों की अध्यात्मिक बुद्धिमता अधिक है वे शिक्षण प्रभावशीलता मे भी उच्च स्तर पर रहे हैं। शोध के परिणाम बताते है कि आध्यात्मिक व भावात्मक बुद्धि व्यक्तिगत व व्यावसायिक स्वास्थ्य से सकारात्मक रूप से जुड़ी है जो अध्यापको व छात्रों की शैक्षिक उपलब्ध्यिों को बढ़ाती है तथा बेहतर इन्सान बनने में मददगार है। इसके साथ ही अध्यात्मिक व भावात्मक बुद्धिमता से शिक्षक भावात्मक समत्व व समझदारी से शिक्षा दे सकते हैं।

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