हिमाचल सरकार नशा मुक्त हिमाचल की परिकल्पना को अमलीजामा पहनाने की योजना पर तेजी से काम शुरू कर दिया है। एनडीपीएस एक्ट को सख्ती से लागू करने के साथ साथ सरकार पंचायत स्तर पर चिट्टे के नेटवर्क को तोड़ने की योजना पर काम कर रही है। योजना को अमलीजामा पहनाने के मकसद से सरकार ने पंचायतों से रिर्पोट तलब की है। एक-एक पुलिस कांस्टेबल व आशा वर्कर व पंचायत सचिव चिट्टे के साथ साथ नशाखोरी की प्रवृत्ति को लेकर सरकार को रिपोर्ट सौंपेंगे। इसके आधार पर भावी रणनीति तय की जाएगी। मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने शिमला में पत्रकारों के साथ अनौपचारिक बातचीत में यह जानकारी दी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पुलिस भर्ती के लिए सरकार डोप टेस्ट लेगी। सरकार का ध्यान इस समय चिट्टे के नेटवर्क को तोड़ने पर है तथा इसके माध्यम से कमाई गई संपत्ति पर भी शीघ्र बड़ी कार्रवाई होगी। चिट्टे के कारोबार में यदि कोई अधिकारी या कर्मचारी संलिप्त पाया जाता है तो उसके खिलाफ कठोरतम कार्रवाई होगी।
एनडीपीएस एक्ट को लागू कर कसेंगे नकेल
मुुख्यमंत्री ने कहा कि भांग व शराब से होने वाला नशा भी खराब है, जिसके लिए जागरुकता की आवश्यकता है। सरकार की प्राथमिकता इस समय चिट्टे की सप्लाई चेन को तोड़ने पर है क्योंकि इससे युवा सबसे अधिक प्रभावित है। ऐसे में चिट्टा कहां से आता है और किसके माध्यम से यह कारोबार आगे फैल रहा है, उसके आधार पर आगामी कार्रवाई अमल में लाई जाएगी। इसी उद्देश्य से सरकार ने सबसे पहले पिट एनडीपीएस एक्ट ( प्रीवेंशन ऑफ इलिसिट ट्रैफिक एंड ड्रग एंड साइक्लोट्रॉपिक एक्ट) को लागू किया। इस एक्ट के माध्यम से जिस पर भी शक होगा, उसे सरकार हिरासत में ले सकेगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार पुलिस की खामियों को दूर करेगी। इसके तहत पुलिस को आधुनिक टेक्नॉलॉजी प्रदान की जा रही है। पुलिस स्टेशनों की जनसंख्या एवं अपराध के आधार पर ग्रेडिंग की गई है। इसके लिए पुलिस स्टेशनों को ए, बी, सी और डी ग्रेड में बांटा गया है। यानी जहां पर सबसे अधिक आबादी एवं अपराध होंगे वहां अधिक चौकसी रहेगी और उस क्षेत्र में अधिक पुलिस बल तैनात करके उसे ए ग्रेड में रखा जाएगा। इससे संबंधित पुलिस स्टेशन को अपराध से निपटने के साथ यातायात व्यवस्था को सुचारू बनाने में भी मदद मिलेगी।