शीघ्र तैयार की जाए क्षतिग्रस्त परियोजनाओं की रिपोर्ट : सुक्खू
मुख्यमंत्री ने नेता प्रतिपक्ष के साथ राहत एवं पुनर्वास कार्यों की समीक्षा की
मंडी, 10 जुलाई (निस)
मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने मंडी जिला के थुनाग विश्राम गृह में नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर के साथ बैठक कर आपदाग्रस्त सराज क्षेत्र में हुए नुकसान और राहत एवं बचाव कार्यों की प्रगति की समीक्षा की। मुख्यमंत्री ने प्रभावितों को शीघ्र राहत पहुंचाने के लिए सड़कों और बाधित जल एवं विद्युत आपूर्ति योजनाओं की बहाली के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि वे शीघ्र दिल्ली में केंद्रीय मंत्रियों से मिलकर राज्य के लिए एक विशेष राहत पैकेज देने का अनुरोध करेंगे। सुक्खू ने सम्बंधित विभागों को क्षतिग्रस्त सड़कों, पुलों, बिजली और जल परियोजनाओं के लिए अविलम्ब विस्तृत परियोजना रिपोर्ट तत्काल तैयार करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि केंद्रीय सड़क एवं अवसंरचना निधि (सीआरआईएफ) के अंतर्गत 56 किलोमीटर लंबी चैलचौक-जंजैहली सड़क के सुदृढ़ीकरण कार्य प्रस्तावित किए जाएंगे। उन्होंने एक सप्ताह के भीतर इसकी विस्तृत परियोजना रिपोर्ट तैयार करने के निर्देश दिए।
उन्होंने अधिकारियों को नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर के साथ समन्वय स्थापित कर अंतर-विभागीय सहयोग के माध्यम से प्रमुख योजनाओं की बहाली के लिए राहत कार्यों में तेजी लाने के भी निर्देश दिए। उन्होंने बताया कि भारी तबाही के बावजूद 60 प्रतिशत पेयजल योजनाओं को अस्थायी रूप से बहाल कर दिया गया है।
सस्पेंशन पुलों का निर्माण कर सम्पर्क बहाल करने को कहा
मुख्यमंत्री ने लोक निर्माण विभाग को आवश्यकतानुसार क्षेत्र में बेली पुलों और सस्पेंशन पुलों का निर्माण कर सम्पर्क बहाल करने को कहा जिसके लिए राज्य सरकार पर्याप्त धनराशि उपलब्ध करवाएगी। सुक्खू और जयराम ठाकुर ने इस आपदा में अपनी जमीन गंवाने वाले परिवारों के पुनर्वास को लेकर चर्चा की। ठाकुर ने कहा कि बादल फटने की घटनाओं से क्षेत्र में भारी तबाही हुई है और मानसून के बाद जल्द ही सर्दियां शुरू होने वाली हैं। ऐसे में जिन लोगों ने सब कुछ खो दिया है, उनके पुनर्वास को प्राथमिकता दी जानी चाहिए। मुख्यमंत्री ने मंडी के उपायुक्त को निर्देश दिए कि प्रभावित परिवारों के अस्थायी पुनर्वास के लिए तुरंत सुरक्षित स्थानों की पहचान की जाए, जहां प्री-फैब्रिकेटिड घर बनाकर उन्हें तत्काल आश्रय दिया जा सके। उन्होंने अधिकारियों को बागवानी से जुड़े किसानों को हुए नुकसान का आकलन करने के भी निर्देश दिए।