पौंग बांध विस्थापितों को राहत
पौंग बांध विस्थापन से प्रभावित हजारों परिवारों के लिए वर्षों बाद राहत की खबर आई है। राजस्थान सरकार ने भूमि आवंटन की प्रक्रिया फिर से शुरू कर दी है, जिससे पुनर्वास की प्रतीक्षा कर रहे सैकड़ों परिवारों की उम्मीदें फिर से जाग उठी हैं। कांगड़ा ज़िले के उपायुक्त हेमराज बैरवा ने बताया कि राजस्थान सरकार ने हाल ही में उन परिवारों के लिए भूमि की पहचान की है जो अब तक आवंटन प्रक्रिया से वंचित थे या जिन्हें कानूनी या प्रक्रियात्मक बाधाओं के कारण ज़मीन पर कब्ज़ा नहीं मिल पाया था। राजस्थान और हिमाचल सरकारों की संयुक्त टीम ने हाल ही में चिन्हित भूमि का निरीक्षण किया है। उपायुक्त ने बताया कि पिछले कुछ महीनों में 250 परिवारों को भूमि के पट्टे आवंटित किए जा चुके हैं, जबकि पिछले वर्ष भी 50 परिवारों को ज़मीन दी गई थी। शुरुआत में 45 दिनों की तय अवधि को बढ़ाकर अब 180 दिन कर दिया गया है, जिससे कई विस्थापितों को दस्तावेज़ी औपचारिकताएं पूरी करने और ज़मीन पर कब्ज़ा लेने में सुविधा मिलेगी।
यह प्रक्रिया राजस्थान उपनिवेशीकरण नियम, 1972 के तहत संचालित हो रही है, जिसके अंतर्गत इंदिरा गांधी नहर परियोजना क्षेत्र में सिंचित भूमि उपलब्ध कराई जाती है। वर्तमान में 16,352 में से लगभग 6,500 परिवार अब भी ज़मीन के आवंटन का इंतज़ार कर रहे हैं।