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ट्रैकर्स का रजिस्ट्रेशन अनिवार्य, जीपीएस ट्रैकिंग भी होगी

पहाड़ पर जाने वालों की सुरक्षा पर कांगड़ा प्रशासन सख्त
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धर्मशाला, 19 जून (निस)

हाल ही में ट्रेकिंग के दौरान हुई घटनाओं के मद्देनज़र जिला कांगड़ा प्रशासन ने वन विभाग को निर्देश दिये हैं कि ट्रेकिंग ट्रेल्स पर संचालित ट्रैवल एजेंसियों और गाइडों द्वारा निर्धारित नियमों का कड़ाई से पालन सुनिश्चित किया जाए।

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यह निर्देश इस्राइली ट्रैकर की घटना के बाद लिया गया है, जो त्रियूंड रूट पर 9 दिन तक लापता रहा और गंभीर हालत में बचाया गया। इसी दौरान, ‘आदि हिमानी चामुंडा’ मार्ग पर भी एक युवक के लापता होने की रिपोर्ट ने अव्यवस्थित ट्रेकिंग अभियानों की सुरक्षा पर सवाल खड़े कर दिए हैं।

डीसी हेमराज बैरवा ने स्पष्ट किया है कि सभी ट्रैकिंग अभियानों के लिए ट्रैकर्स का रजिस्ट्रेशन अनिवार्य होगा और जीपीएस ट्रैकिंग व्यवस्था अपनाई जाएगी। इसके अलावा, कमजोर और कम निगरानी वाले रूट्स पर विशेष निगरानी की जाएगी और सुरक्षा मानकों का सख्ती से पालन करना होगा।

गर्मियों में बढ़ती ट्रैकिंग गतिविधियों को देखते हुए प्रशासन अब हर गाइड के साथ अधिकतम 10 ट्रेकर्स की सीमा तय करने पर विचार कर रहा है। पहले एक गाइड 50 से अधिक ट्रेकर्स का नेतृत्व करता था, जिससे सुरक्षा व्यवस्था प्रभावित होती थी। बड़े समूहों में अक्सर कुछ ट्रेकर्स पीछे रह जाते हैं या रास्ता भटक जाते हैं, जिससे दुर्घटनाओं की संभावना बढ़ जाती है।

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