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आधे हिमाचल पर आसमानी आफत का रेड अलर्ट

हिमाचल प्रदेश में आसमानी आफत थमने का नाम नहीं ले रही है। राज्य पर एक बार फिर आसमानी आफत का रेड अलर्ट जारी हुआ है। मौसम विभाग ने राज्य के 6 जिलों ऊना, बिलासपुर, हमीरपुर, कांगड़ा, मंडी और सिरमौर के...
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शिमला में भारी बारिश के दौरान गुजरते लोग। पीटीआई फाइल फोटो
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हिमाचल प्रदेश में आसमानी आफत थमने का नाम नहीं ले रही है। राज्य पर एक बार फिर आसमानी आफत का रेड अलर्ट जारी हुआ है। मौसम विभाग ने राज्य के 6 जिलों ऊना, बिलासपुर, हमीरपुर, कांगड़ा, मंडी और सिरमौर के लिए पहली सितंबर को भारी से बहुत भारी और कुछ स्थानों पर अतिभारी वर्षा का रेड अलर्ट जारी किया है।

बारिश के कारण भूस्खलन और अचानक आई बाढ़ ने हिमाचल प्रदेश के कई हिस्सों में तबाही मचाई है। राज्य में तीन राष्ट्रीय राजमार्गों सहित 822 सड़कें बंद है। शिमला शहर के विभिन्न हिस्सों में कई वाहन मलबे में दब गए। करत रॉड पर लिफ्ट के निकट एक बिजली का खंभा गिरने से एक कार क्षतिग्रस्त हो गई।राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र के अनुसार 1,236 बिजली ट्रांसफार्मर और 424 जलापूर्ति योजनाएँ भी बाधित हैं।

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राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र के आंकड़ों के अनुसार, इस मानसून में राज्य को अब तक 3,042 करोड़ रुपये से ज़्यादा का नुकसान हुआ है और बारिश से जुड़ी घटनाओं और सड़क दुर्घटनाओं में 320 लोगों की मौत हो चुकी है। 4,041 घर पूरी तरह या आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त हुए हैं।

मुख्यमंत्री ने की हालात की समीक्षा

मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने रविवार को शिमला पहुंचते ही प्रदेश में लगातार हो रही बारिश और उससे हुए नुकसान की स्थिति की समीक्षा की। दोपहर करीब दो बजे सरकारी आवास ओक ओवर पहुंचने के बाद उन्होंने मुख्य सचिव से विस्तृत जानकारी ली। मुख्य सचिव ने उन्हें प्रभावित क्षेत्रों की स्थिति और वहां उठाए जा रहे कदमों से अवगत करवाया। मुख्यमंत्री ने राहत और बचाव कार्यों में तेजी लाने के निर्देश दिए। उन्होंने जनता से अपील की है कि वे प्रशासनिक निर्देशों का पालन करें, सतर्क रहें और नदी-नालों के किनारे जाने से बचें। मुख्यमंत्री ने शनिवार को आपदा प्रभावित चंबा और कांगड़ा जिलों का हवाई सर्वेक्षण किया था। आज उनका कुल्लू जिला जाने का कार्यक्रम था, लेकिन खराब मौसम इसमें बाधा बना। ऐसे में उन्हें चंडीगढ़ से सड़क मार्ग से शिमला लौटना पड़ा।

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