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राजा वीरभद्र सिंह आज से रिज पर होंगे ‘विराजमान’

सोनिया गांधी करेंगी प्रतिमा का अनावरण, मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू देंगे साथ
शिमला आगमन पर कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी का स्वागत करते हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू। -प्रेट्र
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आधुनिक हिमाचल के निर्माता और छह बार के मुख्यमंत्री रहे स्वर्गीय वीरभद्र सिंह की आदमकद प्रतिमा का आज शिमला के ऐतिहासिक रिज मैदान पर अनावरण होगा। यह प्रतिमा अब जनता के दर्शन के लिए समर्पित की जाएगी। इस अवसर पर पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहेंगी, जबकि मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू उनके साथ मिलकर प्रतिमा का अनावरण करेंगे।

रविवार देर शाम सोनिया गांधी शिमला पहुंचीं, जहां मुख्यमंत्री सुक्खू, उपमुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष प्रतिभा सिंह ने उनका स्वागत किया। प्रियंका गांधी वाड्रा पहले ही शिमला पहुंच चुकी हैं। कार्यक्रम में कांग्रेस महासचिव राजीव शुक्ला, सचिन पायलट, दीपेंद्र हुड्डा, रणदीप सुरजेवाला, प्रीतम सिंह, प्रदेश प्रभारी रजनी पाटिल और सह प्रभारी विदित सहित कांग्रेस के कई वरिष्ठ नेता शामिल होंगे।

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प्रतिमा अनावरण समारोह सोमवार सुबह 11 बजे आयोजित किया जाएगा। इस मौके पर रिज पर हजारों लोगों की भीड़ जुटने की संभावना है। मुख्यमंत्री सुक्खू तैयारियों की निगरानी कर रहे हैं। प्रशासन ने सुरक्षा और यातायात के विशेष प्रबंध किए हैं। भीड़ नियंत्रण और पार्किंग व्यवस्था के लिए जिला प्रशासन, पुलिस और नगर निगम की संयुक्त टीमें तैनात की गई हैं।

रिज मैदान पर दर्शकों के लिए हजारों कुर्सियां लगाई गई हैं, जबकि अतिरिक्त कुर्सियों की व्यवस्था रिजर्व में रखी गई है। शहर में यातायात प्रभावित न हो, इसके लिए प्रवेश मार्गों और पार्किंग स्थलों को पहले से चिन्हित किया गया है।

शिमला के रिज पर पहले से ही हिमाचल निर्माता डॉ. वाई.एस. परमार की प्रतिमा स्थापित है। अब उनके ठीक समीप वीरभद्र सिंह की प्रतिमा लगाई गई है। उन्हें आधुनिक हिमाचल का निर्माता कहा जाता है कि जिन्होंने शिक्षा, स्वास्थ्य, सड़क और ग्रामीण विकास के क्षेत्र में ऐतिहासिक कार्य किए। उनके कार्यकाल में बालिका शिक्षा को प्रोत्साहन मिला और वनों की कटाई (ग्रीन फेलिंग) पर रोक लगाई गई, जिससे पर्यावरण संरक्षण को नई दिशा मिली।

सख्त प्रशासक, संवेदनशील नेता थे पूर्व सीएम

वीरभद्र सिंह को एक सख्त प्रशासक के रूप में जाना जाता था, लेकिन उनके व्यक्तित्व में गहरी मानवीय संवेदनाएं भी थीं। उन्होंने गरीबों और जरूरतमंदों की सहायता में कभी कोई कसर नहीं छोड़ी। समर्थकों और विरोधियों, दोनों के बीच यह भावना आम थी कि वीरभद्र सिंह का जीवन सेवा और समर्पण का प्रतीक था।

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