शिमला, 28 मार्च (हप्र)
राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ला ने कहा है कि तीन निर्दलीय विधायकों होशयार सिंह, आशीष शर्मा और केएल ठाकुर द्वारा विधानसभा सदस्यता से इस्तीफा देने और इसे स्वीकारने में राजभवन की कोई भूमिका नहीं है। राज्यपाल ने आज शिमला में पत्रकारों से अनौपचारिक बातचीत में कहा कि यह निर्दलीय विधायक विधानसभा सचिव को अपना इस्तीफा सौंपने के बाद उनके पास भी मिलने आए थे और इन निर्दलीय विधायकों ने उन्हें भी अपने इस्तीफा की प्रति सौंपी थी। राज्यपाल ने कहा कि उन्होंने निर्दलीय विधायकों के इस्तीफा से संबंधित पत्र विधानसभा अध्यक्ष को भेज दिया है।
उन्होंने कहा कि इन निर्दलीय विधायकों का इस्तीफा स्वीकारने में राजभवन की कोई भूमिका नहीं है और यह सारा मामला विधानसभा अध्यक्ष के निर्णय अथवा विवेक पर निर्भर है। राज्यपाल ने कहा कि उन्होंने विधानसभा अध्यक्ष को लिखे पत्र में कर्नाटक और मध्य प्रदेश विधानसभा में इसी तरह के मामलों के संदर्भ में सुप्रीम कोर्ट द्वारा दिए गए निर्णय का हवाला दिया गया है। राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ला ने कहा कि इस मुद्दे पर उन्होंने विधानसभा अध्यक्ष से पत्राचार किया है हालांकि उन्होंने इस पत्राचार को सार्वजनिक करने से इनकार किया। राज्यपाल ने यह भी कहा कि उन्होंने नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर द्वारा इसी मुद्दे पर उन्हें दिए गए ज्ञापन की प्रति भी अपने पत्र के साथ विधानसभा अध्यक्ष को भेजी है। उन्होंने कहा कि विधानसभा अध्यक्ष के निर्णय पर राजभवन का कोई अधिकार नहीं है और विधानसभा अध्यक्ष विधानसभा नियमों के अनुसार अपनी कार्रवाई करने में स्वतंत्र है। राज्यपाल ने कहा कि इस तरह के मामले में राजभवन का संविधान के अनुसार कोई दखल नहीं है। राज्यपाल ने एक सवाल के जवाब में कहा कि निर्दलीय विधायक चाहते हैं कि वे इस मामले में दखल दें और विधानसभा अध्यक्ष को उनका इस्तीफा स्वीकार करने के लिए कहें। उन्होंने कहा कि इस संबंध में यह सभी विधायक उनसे मिले थे। राज्यपाल ने कहा कि विधानसभा अध्यक्ष संभवतः इस मामले में कार्रवाई कर रहे हैं और इन विधायकों को अपना पक्ष रखने के लिए 10 अप्रैल को विधानसभा बुलाया गया है।