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आपदा पर विधानसभा में काम रोको प्रस्ताव, विपक्ष का सरकार पर निशाना

हिमाचल प्रदेश विधानसभा का मानसून सत्र
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हिमाचल प्रदेश में आई भीषण प्राकृतिक आपदा पर प्रदेश विधानसभा में कामरोको प्रस्ताव के माध्यम से चर्चा की गई। विपक्षी दल भाजपा द्वारा नियम 67 के तहत लाए गए इस प्रस्ताव को सरकार ने सत्र के पहले ही दिन मंजूर कर लिया और बाकी सभी कामकाज को छोड़कर विपक्ष की मांग के अनुसार इस पर चर्चा शुरू हो गई। विपक्ष की ओर से चर्चा की शुरूआत करते हुए नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने कहा कि प्रदेश की सुखविंदर सिंह सुक्खू सरकार अपनी ही आपदा में फंसी हुई है। ऐसे में वह प्रदेश में आई प्राकृतिक आपदा से कारगर ढंग से नहीं निपट पा रही है। उन्होंने मुख्यमंत्री को सलाह दी कि वह इस आपदा को रूटीन में न लें और राहत और पुनर्वास कार्य युद्धस्तर पर किए जाएं। नेता प्रतिपक्ष ने आरोप लगाया कि सरकार ने भले ही राहत मैनुअल में विशेष राहत पैकेज के लिए संशोधन कर दिया है, लेकिन इस के मुताबिक अभी भी लोगों को राहत नहीं मिली है। ऐसे में विशेष राहत पैकेज का कोई मतलब नहीं रह गया है। जयराम ठाकुर ने सराज विधानसभा क्षेत्र में आई प्राकृतिक आपदा का उल्लेख करते हुए कहा कि इस क्षेत्र में 31 लोगों को जान गंवानी पड़ी है। आपदा में बेघर और भूमिहीन हुए लोग कहां रहेंगे, आज यह सबसे बड़ा सवाल है। उन्होंने कहा कि अकेले सराज विधानसभा क्षेत्र में ही 500 करोड़ रुपए का नुकसान हो चुका है। जयराम ठाकुर ने थुनाग से बागवानी कॉलेज को बदलने का भी विरोध किया और कहा कि आपदा के नाम पर इस तरह के फैसले लेना सरकार की निम्न सोच है। उन्होंने थुनाग में सरकार के इस फैसले का विरोध कर रहे लोगों पर एफआईआर दर्ज करने की भी निंदा की और कहा कि यह बदले की भावना से लिया गया फैसला है।

जयराम ठाकुर ने यह भी कहा कि प्रदेश सरकार के लिए आज की तारीख में काम करना जरूरी नहीं, बल्कि काम बंद करना जरूरी बन गया है।

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नेता प्रतिपक्ष ने बागवानी मंत्री के थुनाग में किए गए विरोध पर टिप्पणी करते हुए कहा कि उन्हें इसी तरह की घटना में किन्नौर में काले झंडे दिखाए गए थे और लाहौल-स्पीति में उनकी कार को पलटने की कोशिश तक की गई थी। इस चर्चा में विधायक चंद्र शेखर, अनिल शर्मा, विनोद कुमार, केवल सिंह पठानिया और सुरेश कुमार ने भी हिस्सा लिया।

‘विशेष आपदा राहत पैकेज पूरे प्रदेश में होगा लागू’

मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा है कि यदि सराज विधानसभा के थुनाग में तिरंगे का अपमान करने वाले लोग माफी मांग लें तो सरकार उनके खिलाफ दर्ज एफआईआर वापस ले लेगी। मुख्यमंत्री ने प्रदेश विधानसभा में मॉनसून सत्र के पहले दिन विपक्ष द्वारा नियम 67 के तहत लाए गए काम रोको प्रस्ताव पर आरंभ हुई चर्चा के दौरान कहा कि विरोध अपनी जगह है, लेकिन सरकार तिरंगे का अपमान सहन नहीं करेगी। उन्होंने कहा कि मंत्री एक संवैधानिक पद है। ऐसे में कोई भी व्यक्ति न तो तिरंगे का अपमान कर सकता है और ही मंत्री का। मुख्यमंत्री ने ऐलान किया कि आपदा प्रभावित सराज विधानसभा क्षेत्र के लिए घोषित विशेष राहत पैकेज अब क्षेत्र विशेष तक सीमित नहीं रहेगा और सरकार इसे पूरे प्रदेश के लिए एक समान रूप से लागू करेगी। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार अभी तक वर्ष 2023 के आपदा प्रभावितों को प्रथम किस्त के रूप में 250 करोड़ रुपए जारी कर चुकी है।

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