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कफोटा कॉलेज के प्रिंसिपल कुलदीप बने विश्व एथलेटिक्स चैंपियनशिप के जूरी सदस्य

नाहन, 17 मार्च (निस) जिला सिरमौर के डिग्री कॉलेज कफोटा के प्रिंसिपल डॉ. कुलदीप सिंह को वर्ल्ड एथलेटिक्स काउंसिल ने विश्व इंडोर एथलेटिक्स चैंपियनशिप-2025 के लिए अपील जूरी के सदस्य के रूप में नियुक्त किया है। इस ऐतिहासिक उपलब्धि से...
डाॅ. कुलदीप सिंह
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नाहन, 17 मार्च (निस)

जिला सिरमौर के डिग्री कॉलेज कफोटा के प्रिंसिपल डॉ. कुलदीप सिंह को वर्ल्ड एथलेटिक्स काउंसिल ने विश्व इंडोर एथलेटिक्स चैंपियनशिप-2025 के लिए अपील जूरी के सदस्य के रूप में नियुक्त किया है। इस ऐतिहासिक उपलब्धि से न केवल सिरमौर बल्कि प्रदेश और देश का मान बढ़ा है। ये प्रतिष्ठित आयोजन 21 से 23 मार्च 2025 तक चीन के नानजिंग में आयोजित होगा। वह कल दिल्ली से चाइना के लिए रवाना होंगे।

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यह नियुक्ति इस लिहाज से भी ऐतिहासिक क्षण है, क्योंकि डॉ. कुलदीप सिंह वर्ल्ड एथलेटिक्स में इस प्रतिष्ठित तकनीकी पद को संभालने वाले पहले भारतीय बन गए हैं। डॉ. कुलदीप सिंह के व्यापक अनुभव, गहन विशेषज्ञता और राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय स्तर पर एथलेटिक्स में असाधारण योगदान को लेकर उन्हें ये जिम्मेदारी मिली है।

अपील जूरी क्या करती है

बता दें कि विश्व एथलेटिक्स आयोजनों में अपील जूरी एक आधारभूत भूमिका निभाती है, जो प्रतियोगिताओं के दौरान विरोध और अपीलों को निष्पक्षता के साथ निपटाने का महत्वपूर्ण दायित्व संभालती है। विश्व एथलेटिक्स तकनीकी नियम 8 के अनुसार, जूरी रेफरी द्वारा संदर्भित विवादों या एथलीटों अथवा उनके प्रतिनिधियों द्वारा औपचारिक विरोध के माध्यम से उठाए गए मुद्दों का पारदर्शी समाधान सुनिश्चित करती है।

इस सम्मानित समिति के सदस्यों का चयन वर्ल्ड एथलेटिक्स तकनीकी समिति या काउंसिल द्वारा उनकी तकनीकी दक्षता, निष्पक्षता और खेल के प्रति अटूट समर्पण के आधार पर किया जाता है। उनकी यह उपलब्धि विशेष रूप से सिरमौर जैसे ग्रामीण और पहाड़ी क्षेत्रों के उभरते एथलीटों के लिए प्रेरणा का एक सशक्त स्रोत बनेगी।

पानीपत के रहने वाले हैं कुलदीप : उधर, डा. कुलदीप ने बताया कि खुशी जताते हुए कहा कि वह अबतक 100 से ज्यादा नेशनल इवेंट्स में तकनीकी टीम का हिस्सा रह चुके हैं। गत वर्ष वह थाइलैंड और कोरिया में आयोजित विश्व एथलेटिक्स चैंपियनशिप में भी भूमिका निभाई थी। वह मूलतः हरियाणा के पानीपत जिला के शिवा गांव से संबंध रखते हैं। वह हिमाचल प्रदेश में शिक्षा के क्षेत्र में पिछले 27 वर्षों से अपनी सेवाएं दे रहे हैं।

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