मंडी, 8 मार्च (निस)
राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर ने मंगलवार को मण्डी में 7 दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय शिवरात्रि महोत्सव के समापन समारोह पर कहा कि हिमाचल प्रदेश के मेले एवं त्योहार अपने में राज्य की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत को संजोए हुए हैं। राज्यपाल ने कहा कि इस महोत्सव की बहुमूल्य परंपराओं को भावी पीढ़ी के लिए संरक्षित रखा जाना चाहिए, क्योंकि यह एक राज्य एवं राष्ट्र के रूप में हमारी पहचान की पुष्टि करती हैं। उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश में वर्षभर उत्सव एवं त्योहार पूरे उत्साह से मनाए जाते हैं। ये उत्सव हमारे जीवन का अभिन्न अंग हैं और इन आयोजनों से हमारे मन में कभी भी नकारात्मकता का प्रवेश नहीं हो पाता। यहां के लोगों की देवी-देवताओं में अटूट आस्था के कारण ही इस देवभूमि की महता और बढ़ जाती है।
राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर ने कहा कि संस्कृति और इसकी विरासत हमारी राष्ट्रीय पहचान को परिभाषित करने के साथ ही हमारे मूल्यों, आस्था और आकांक्षाओं को प्रदर्शित एवं आकार भी प्रदान करती हैं। इससे पूर्व, राज्यपाल ने राजदेव माधोराय के मन्दिर में पूजा-अर्चना की और आयोजित जलेब में शामिल हुए। उन्होंने सामूहिक भोज में भी भाग लिया। अंतर्राष्ट्रीय शिवरात्रि महोत्सव आयोजन समिति के अध्यक्ष एवं उपायुक्त अरिंदम चौधरी ने राज्यपाल का स्वागत एवं सम्मान किया। उन्होंने कहा कि इस वर्ष पहली बार मेले में सात सांस्कृतिक संध्याएं आयोजित की गई हैं और मेले में 200 पंजीकृत देवता शामिल हुए हैं।