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पौंग डैम का जलस्तर बढ़ा, पंजाब-हिमाचल को खतरा

पिछले चार दिनों से लगातार हो रही बारिश ने पौंग बांध के जलस्तर को खतरनाक स्तर तक पहुंचा दिया है। बुधवार दोपहर 1 बजे जलाशय का स्तर 1,394.15 फीट दर्ज किया गया, जो खतरे के निशान 1,390 फीट से लगभग...
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पिछले चार दिनों से लगातार हो रही बारिश ने पौंग बांध के जलस्तर को खतरनाक स्तर तक पहुंचा दिया है। बुधवार दोपहर 1 बजे जलाशय का स्तर 1,394.15 फीट दर्ज किया गया, जो खतरे के निशान 1,390 फीट से लगभग चार फीट अधिक है। दबाव कम करने के लिए भाखड़ा व्यास प्रबंधन बोर्ड (बीबीएमबी) को पानी छोड़ना पड़ा।

बीबीएमबी के अनुसार, बुधवार दोपहर तक जलाशय में 1,55,261 क्यूसेक पानी की आवक दर्ज की गई। दबाव घटाने के लिए छह विद्युत उत्पादन इकाइयों से 16,988 क्यूसेक पानी छोड़ा गया, जबकि स्पिलवे गेट खोलकर 62,949 क्यूसेक पानी का बहिर्वाह किया गया। इस प्रकार कुल 79,937 क्यूसेक पानी छोड़ा गया, जो आवक से कम रहा। इसी कारण बांध पर दबाव बना हुआ है। भारी प्रवाह के कारण शाहनहर बैराज तक 68,437 क्यूसेक पानी पहुंच गया, जिससे पंजाब के निचले मैदानी इलाकों में बाढ़ का खतरा और बढ़ गया है। वहीं, मुकेरियन हाइडल चैनल में 11,500 क्यूसेक पानी छोड़ा गया। अधिकारियों का कहना है कि कांगड़ा और हिमाचल के ऊपरी क्षेत्रों में लगातार हो रही बारिश से जलस्तर और ऊपर जा सकता है। बढ़ते जलस्तर ने कांगड़ा ज़िले के इंदौरा और फ़तेहपुर उपमंडलों के साथ पंजाब के सीमावर्ती इलाकों की चिंता बढ़ा दी है। ब्यास पट्टी के किसानों की धान की फसलें पहले ही बाढ़ के दबाव में हैं। बीबीएमबी ने स्पष्ट किया है कि बांध की सुरक्षा सर्वोपरि है और आवश्यकता पड़ने पर आने वाले दिनों में अधिक पानी छोड़ा जा सकता है।

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