शिमला, 27 दिसंबर (निस)
हिमाचल प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कुलदीप सिंह राठौर ने कहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने प्रदेशवासियों को एक बार फिर निराश किया है। सेपु बड़ी और कचौरी व्यंजन की तारीफ करने के साथ केद्रीय योजनाओं के नाम गिनाकर प्रधानमंत्री वापस चले गए। उन्होंने कहा कि जिन योजनाओं की प्रधानमंत्री ने आधारशिला रखी है वह सब पूर्व कांग्रेस की योजनाएं थी।
प्रदेश कांग्रेस मुख्य्यालय राजीव भवन में पत्रकारों को संबोधित करते हुए राठौर ने कहा कि डबल इंजन सरकार का दावा करने वाले प्रधानमंत्री ने कोई भी ऐसी घोषणा या सौगात प्रदेश को नहीं दी, जिससे प्रदेश की बिगड़ती आर्थिक स्थिति सुधारने को बल मिलता। उन्होंने कहा कि इन चार सालों में प्रदेश की वित्तीय स्थिति पूरी तरह अस्त व्यस्त होकर रह गई है। प्रदेश 65 हजार करोड़ से ऊपर के कर्ज में डूब गया है। प्रदेश को कोई भी आर्थिक पैकेज की घोषणा न होना डबल इंजन सरकार के झूठ की पूरी पोल खोलता है। उन्होंने कहा कि सरकार का आज इस आयोजन पर किया गया करोड़ों का खर्च व्यर्थ चला गया जिसके लिए लोग भाजपा को कभी माफ नहीं करेंगे।राठौर ने मुख्यमंत्री जयराम पर आरोप लगाया कि उन्होंने और उनके सहयोगी नेताओं ने शायद प्रधानमंत्री के समक्ष प्रदेश का पक्ष सही ढंग से नहीं रखा और अगर उन्होंने रखा है तो प्रधानमंत्री ने उन्हें अनसुना कर प्रदेश के साथ बहुत बड़ा अन्याय किया है।
राठौर ने कहा कि प्रधानमंत्री ने प्रदेश में चार मेडिकल कॉलेज खोलने की जो बात कही वह पूरी तरह झूठी है। उन्होंने कहा कि यह मेडिकल कॉलेज पूर्व कांग्रेस सरकार के समय केंद्र की यूपीए सरकार की देन थी।
कांग्रेस ने राज्यपाल को सौंपा ज्ञापन
हिमाचल प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कुलदीप सिंह राठौर ने आज प्रदेश भाजपा सरकार के चार साल की विफलताओं के खिलाफ एक ज्ञापन राज्यपाल को सौंपा। इस ज्ञापन में सरकार के चार साल में उसकी विफलताओं के साथ-साथ भ्रष्टाचार के आरोप लगाए गए हैं। राठौर ने राज्यपाल से ज्ञापन में लगाए गए भ्रष्टाचार के आरोपों की जांच करने की गुहार लगाते हुए कहा कि वर्तमान भाजपा सरकार ने चुनावों में किये गए अपने किसी भी वादे को पूरा नहीं किया है। इस दौरान उनके साथ शिमला जिला कांग्रेस अध्यक्ष शहरी जितेंद्र चौधरी व ग्रामीण के अध्यक्ष यशवंत सिंह छाजटा, प्रदेश महिला कांग्रेस अध्यक्ष जैनब चंदेल सहित पार्टी के अन्य कई पदाधिकारी मौजूद थे।
ज्ञापन में आवश्यक वस्तुओं के बढ़ते मूल्यों के साथ-साथ कोरोना काल में टूरिज्म, ट्रांसपोर्ट, शिक्षा के क्षेत्र भूरी तरह प्रभावित हुए, जिसकी ओर सरकार ने न तो कोई ध्यान ही दिया और न ही कोई राहत ही दी।