शिमला, 16 जून(हप्र)
हिमाचल प्रदेश के स्कूल, कॉलेज अथवा विश्वविद्यालयों में पढ़ने वाले विद्यार्थियों के राष्ट्रीय और राज्य स्तरीय खेल प्रतिस्पर्धा में हिस्सा लेने पर अब संबंधित शिक्षण संस्थानों में उनकी गैर हाजिरी नहीं लगेगी। हिमाचल प्रदेश की सुखविंदर सिंह सुक्खू सरकार ने फैसला किया है कि राष्ट्रीय और राज्य स्तरीय खेलों में हिस्सा लेने वाले प्रदेश के खिलाड़ियों की प्रतिस्पर्धा की अवधि में संबंधित शिक्षण संस्थानों में
विशेष अवकाश दर्ज किया जाएगा और उन्हें विशेष अवकाश दिया जाएगा। इससे विद्यार्थियों को उनकी हाजिरी कम हो जाने की समस्या से सीधे तौर पर निजात मिलेगी। इस निर्णय का उद्देश्य विद्यार्थियों के सर्वांगीण विकास को बढ़ावा देना है। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने सोमवार को शिमला में कहा कि वर्तमान में, विभिन्न खेल संघों, महासंघों या बोर्डों द्वारा आयोजित कार्यक्रमों में भाग लेने वाले विद्यार्थियों को विशेष अवकाश प्रावधान की कमी के कारण स्कूलों में अनुपस्थित अंकित किया जाता है। इससे न केवल उनकी उपस्थिति प्रभावित होती है, बल्कि उनके आंतरिक मूल्यांकन व शैक्षणिक रिकॉर्ड पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है।
प्रदेश सरकार ने अब यह अनिवार्य कर दिया गया है कि मान्यता प्राप्त खेल निकायों द्वारा प्रतियोगिता अथवा कोचिंग कैंप के लिए जारी भागीदारी प्रमाण पत्र या संस्था पत्र स्वीकार किया जाएगा। स्कूलों को ऐसे विद्यार्थियों को अनुपस्थित अंकित करने के बजाय विशेष अवकाश उपस्थित करने के रूप में अंकित करने के आदेश दिए गए हैं, जो स्कूल गेम्स फेडरेशन ऑफ इंडिया (एसजीएफआई) की प्रतियोगिताओं के लिए अपनाए गए प्रावधानों के समान है।