शिमला (निस) :
हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला में तेंदुए द्वारा दो बच्चों को अपना शिकार बनाए जाने के बाद राज्य मानवाधिकार आयोग ने स्वत: संज्ञान लेते हुए तेंदुए को मारने के आदेश जारी किए हैं। राज्य मानवाधिकार आयोग के अध्यक्ष न्यायाधीश पी.एस राणा और सदस्य अजय भंडारी की खंडपीठ ने कहा है कि तेंदुआ आदमखोर हो चुका है और जनसाधारण के लिए खतरा बन चुका है। ऐसे में मानवाधिकार आयोग का पहला कर्तव्य मनुष्य के जीवन की रक्षा करना है। न्यायाधीश पी.एस. राणा ने कहा कि आयोग ने शहर के रिहायशी इलाकों में एक महीने में सारी झाड़ियां काटने और फैंसिंग लगाने के भी निर्देश दिए हैं।