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हिमाचल के सभी विभागों में ओपीएस लागू

प्रश्नकाल के दौरान मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने दी जानकारी
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शिमला, 11 मार्च (हप्र)

मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि प्रदेश में कुल 1 लाख 86 हजार नियमित कर्मचारी कार्यरत हैं। इनमें से 117521 अधिकारियों और कर्मचारियों ने एनपीएस से ओपीएस में आने का विकल्प दिया है और इस समय सभी विभागों में ओपीएस लागू है। मुख्यमंत्री ने विधायक विक्रम सिंह के सवाल के जवाब में कहा कि प्रदेश में सभी निगमों, स्वतंत्र निकायों और इनके कर्मचारियों पर सरकारी नियम, दिशा निर्देश स्वतः लागू नहीं होते हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि ओपीएस के तहत सेवानिवृत्त हुए कर्मचारियों की कोई देनदारियां बकाया नहीं हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि ओपीएस लागू करने के बाद से 12,806 कर्मचारी सेवानिवृत्त हुए हैं।

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मुख्यमंत्री ने कहा कि नाबार्ड के पास 904.78 करोड़ रुपए की डीपीआर लंबित हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार ने योजना विभाग के माध्यम से नाबार्ड को विधायक प्राथमिकता की योजनाओं को दोबारा से प्राथमिकता के आधार पर करने के लिए पत्र लिखा है।

अवैध खनन के 1531 मामले पकड़े

उद्योग मंत्री हर्षवर्धन चौहान ने कहा कि राज्य सरकार ने वर्ष 2024-25 में प्रदेश में अवैध खनन के 1531 मामले पकड़े हैं। इनमें से 981 मामलों में दोषी व्यक्तियों के खिलाफ कार्रवाई करते हुए 77.96 लाख रुपए का जुर्माना वसूला गया है। उन्होंने कहा अवैध खनन को रोकने के लिए खनन की ढुलाई पर रात 8 बजे से सुबह 5 बजे तक प्रतिबंध लगाया गया है।

केंद्रीय विश्वविद्यालय कैंपस के लिए केंद्र ने 260 करोड़ मंजूर किए

शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर ने विधायक सुधीर शर्मा के सवाल के लिखित जवाब में कहा कि केंद्रीय विश्वविद्यालय धर्मशाला कैंपस के लिए केंद्र सरकार ने 260.02 करोड़ रुपए से अधिक की राशि मंजूर की है। उन्होंने कहा कि इस विश्वविद्यालय के जदरांगल के भवन निर्माण के लिए 57.10 हेक्टेयर वन भूमि को स्थानांतरण करने के लिए वन मंडल अधिकारी धर्मशाला ने 30 करोड़ 3 लाख 94 हजार 254 रुपए की मांग की थी। उन्होंने कहा कि इस मामले में गुण-दोष के आधार पर परीक्षण कर नियमानुसार उचित निर्णय लिया जाएगा।

जिनके पास कृषि योग्य भूमि नहीं वे मंजूरी लेकर खरीद सकेंगे जमीन

राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी ने विधायक सतपाल सत्ती के सवाल के जवाब में कहा कि जो व्यक्ति पुश्त-दर-पुश्त हिमाचल का रहने वाला है और उसके पास कृषि योग्य भूमि उपलब्ध नहीं है, ऐसे सभी लोग अकृषक की परिभाषा में आते हैं। उन्होंने कहा कि अगर ऐसे व्यक्ति प्रदेश में धारा 118 के दायरे में आते हैं तो वे इसी धारा में दी गई शर्तों के अनुसार बिना अनुमति भूमि खरीद सकते हैं। उन्होंने कहा कि शेष सभी व्यक्ति, जिनके पास कृषि योग्य भूमि नहीं है, वे राज्य सरकार से धारा 118 की मंजूरी लेकर भूमि खरीद सकते हैं। उन्होंने कहा कि इसके अलावा किसी और रूप में भूमि खरीदने का अधिकार देने का कोई प्रस्ताव सरकार के विचाराधीन नहीं है।

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