Opposition Walkout हिमाचल प्रदेश विधानसभा में हुआ भारी हंगामा, सीएम के जवाब से असंतुष्ट विपक्ष के सदस्य गए सदन से बाहर
हिमाचल प्रदेश विधानसभा का मंगलवार का सत्र उद्योगों को दी गई कथित रियायतों को लेकर हंगामेदार रहा। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के जवाब से असंतुष्ट भाजपा विधायकों ने जोरदार नारेबाजी की और सदन से वाकआउट कर दिया।
Opposition Walkout मुख्यमंत्री ने पूर्व भाजपा सरकार पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि बद्दी-बरोटीवाला-नालागढ़ क्षेत्र में कुछ उद्योगों को नियमों की अनदेखी कर जमीन और अन्य सुविधाएं दी गईं। उन्होंने कहा कि इन कंपनियों को एक रुपए प्रति वर्गमीटर की दर पर हजारों बीघा जमीन दी गई और बिजली तीन रुपए प्रति यूनिट की दर से देने का करार हुआ, जबकि प्रदेश को यही बिजली सर्दियों में छह रुपए प्रति यूनिट खरीदनी पड़ी।
साथ ही, स्टांप ड्यूटी में भी शत-प्रतिशत छूट दी गई। मुख्यमंत्री ने इसे जनता के पैसे को लुटाने वाला पैकेज करार दिया। उन्होंने स्पष्ट किया कि सरकार इस पूरे कस्टमाइज पैकेज की जांच करेगी और दोषियों के खिलाफ कार्रवाई होगी। साथ ही, वर्ष 2019 की औद्योगिक नीति को समाप्त कर नई नीति लाने का ऐलान किया।
इससे पहले, उद्योग मंत्री हर्षवर्धन चौहान ने सदन को जानकारी दी कि पिछले पौने तीन साल में प्रदेश में 20655 करोड़ रुपए का निवेश आया है। इस दौरान 6210 एमओयू साइन हुए और 380 उद्योगों को मंजूरी मिली, जिनमें 5891 करोड़ रुपए का निवेश प्रस्तावित है।
हालांकि, मंत्री ने यह भी स्वीकार किया कि इसी अवधि में 115 उद्योग बंद हुए, जिससे 3350 लोगों की नौकरी गई। इनमें से 55 उद्योग दोबारा शुरू हुए और 3918 लोगों को फिर रोजगार मिला। उन्होंने कहा कि नई औद्योगिक नीति में आकर्षक प्रावधान जोड़े जाएंगे और बिजली दरें पड़ोसी राज्यों के बराबर रखकर उद्योगों को हिमाचल में निवेश के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा।