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अब बीआरओ के अधीन होगी सामरिक दृष्टि से महत्वपूर्ण कड़छम-सांगला-छितकुल सड़क

कागजी प्रक्रिया पूरी, सांगला वैली की 11 पंचायतों को भी होगा सीधा फायदा

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कड़छम-सांगला-छितकुल सड़क के फाइल फोटो
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प्रेम राज काश्यप/हप्र

रामपुर बुशहर, 24 नवंबर

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जनजातीय जिला किन्नौर की चीन सीमा से सटी सामरिक दृष्टि से महत्वपूर्ण कड़छम-सांगला-छितकुल सड़क का निर्माण अब बीआरओ (बॉर्डर रोड ऑर्गेनाइजेशन) करेगा। इससे पहले कड़छम-सांगला-छितकुल सड़क की देखरेख लोक निर्माण विभाग द्वारा की जाती रही है। अब केंद्र सरकार ने बीआरओ को इसका जिम्मा सौंपा है। सड़क का कार्य जल्द शुरू हो, इसे लेकर लोक निर्माण विभाग और सीमा सड़क संगठन के बीच औपचारिकताएं पूरी की जा चुकी हैं। सामरिक दृष्टि से यह सड़क बहुत महत्वपूर्ण है। सड़क की हालत बीते कई सालों से खराब बनी हुई है।

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सांगला वैली की 11 पंचायतों के हजारों ग्रामीणों सहित सेना और आईटीबीपी के जवानों के अलावा हर साल सांगला वैली घूमने आने वाले देश विदेश के हजारों पर्यटकों को भी सड़क की दुर्दशा के चलते भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा था। इस सड़क से सांगला वैली की किल्बा, सापनी, बुआ, शॉग, चांसू, सांगला, कामरू, थेमगारंग, बटसेरी, रक्षम और छितकुल पंचायतों के हजारों लोगों को सीधा लाभ मिलेगा। इसके अलावा सेना व आईटीबीपी के जवानों को भी बेहतर सुविधा मिलेगी।

काबिलेजिक्र है कि छितकुल से तीन किलोमीटर आगे नगस्ली के पास आईटीबीपी एक चेक पोस्ट है। यहां पर आईटीबीपी के जवान हमेशा तैनात रहते हैं। कामकाज के लिए आगे जाने वाले लोगों की इस चेक पोस्ट पर चेकिंग होती है और इसके बाद ही लोगों को इससे आगे भेजा जाता है।

इधर, चीन सीमा से सटे गांवों को मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध करवाने के लिए कवायद तेज हो गई है। वाइब्रेट विलेजिज (जीवंत गांव) के तहत केंद्रीय गृह मंत्रालय ने चीन सीमा के साथ लगते गांवों के लिए सड़कें भी मंजूर की हैं। सीमा तक सेना के जवान इसी मार्ग से होकर जाते हैं। अब सड़क को चौड़ा करने के साथ ही मैटलिंग और टारिंग की जानी है।

कड़छम से छितकुल की दूरी 42 किलोमीटर है। इससे 20 किलोमीटर आगे चीन सीमा से सटी आईटीबीपी की दुमती पोस्ट स्थित है। सड़क की चौड़ाई सात मीटर की जानी है तथा तीखे मोड़ों को भी दुरुस्त किया जाना है। इसके चलते अब आईटीबीपी और सेना के जवान भी सीमा तक जल्द पहुंच सकेंगे। वहीं क्षेत्र की 11 पंचायतों के लोगों को भी इसका सीधा फायदा होगा। करीब 42 किलोमीटर लंबी इसे सड़क को अब बीआरओ दुरुस्त करेगा।

अधिकारी कर रहे सड़क का संयुक्त निरीक्षण

लोक निर्माण विभाग भावानगर के अधिशासी अभियंता आनंद शर्मा ने बताया कि जल्द ही कड़छम-सांगला-छितकुल सड़क को बॉर्डर रोड ऑर्गेनाइजेशन (बीआरओ) के अधीन कर दिया जाएगा। इसी कसरत के चलते इन दिनों बीआरओ और लोक निर्माण विभाग के अधिकारी सड़क का संयुक्त निरीक्षण कर रहे हैं और एक सप्ताह के भीतर इस सड़क को सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) अपने अधीन ले लेगा।

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