कर्मचारियों को दिवाली पर न वेतन, न पेंशन
प्रदेश के कर्मचारियों और पेंशनरों की दिवाली इस बार सूखी ही मानेगी। प्रदेश सरकार से दिवाली के मौके पर अग्रिम वेतन और पेंशन के साथ-साथ लंबित 17 प्रतिशत महंगाई भत्ते की उम्मीद कर रहे राज्य के सवा दो लाख कर्मचारियों और लगभग दो लाख पेंशनरों की उम्मीदों पर मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने एक बार फिर पानी फेर दिया है। मुख्यमंत्री ने बुधवार को शिमला में हिमाचल प्रदेश बिजली बोर्ड कर्मचारी यूनियन के दो दिवसीय आम अधिवेशन के शुभारंभ के मौके पर राज्य के कर्मचारियों और पेंशनरों को सिर्फ आश्वासन का झुनझुना थमाया। सुक्खू ने कहा कि प्रदेश के अधिकारियों, कर्मचारियों और पेंशनरों के लिए तीन प्रतिशत मंहगाई भत्ते की किश्त अक्तूबर माह के वेतन और पेंशन के साथ नवंबर माह में दी जाएगी। उन्होंने कहा कि अप्रैल से सितंबर 2025 तक का बकाया कर्मचारियों के खातों में अक्तूबर माह में जमा कर दिया जाएगा। वहीं जुलाई 2023 से मार्च 2025 तक की बकाया राशि के बारे में अलग से आदेश जारी किए जाएंगे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि बोर्ड के कर्मचारियों की यूनियन के पदाधिकारियों के साथ चर्चा के बाद पुरानी पेंशन योजना देने पर आने वाले समय में विचार किया जाएगा। उन्होंने कहा कि बिजली बोर्ड में सुधार करने की आवश्यकता है और कर्मचारियों के सहयोग के बिना यह संभव नहीं है। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार ने बिजली बोर्ड में कर्मचारियों को उनके वित्तीय लाभ देने के लिए 2200 करोड़ रुपये जारी किए हैं। वर्तमान राज्य सरकार के कार्यकाल में 2023 से सितंबर 2025 तक बोर्ड ने पेंशनधारकों को ग्रेच्युटी, चिकित्सा प्रतिपूर्ति, अवकाश नकदीकरण और पेंशन बकाया के रूप में कुल 662.81 करोड़ रुपये का भुगतान किया है और इसी वर्ष के अंत तक 70 करोड़ का भुगतान और किया जाएगा। उन्होंने बोर्ड को अपने आउटसोर्स कर्मचारियों की किसी हादसे में घायल होने पर मुआवजा नीति लाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि बोर्ड की रुकी हुई पदोन्नतियां भी तुरंत प्रभाव से की जाएंगी। उन्होंने कहा कि प्रदेश के लिए आने वाले तीन-चार महीने आर्थिक तंगी के हैं, लेकिन जल्द ही आर्थिक स्थिति ठीक हो जाएगी।
आर्थिक संकट का ठीकरा पूर्व भाजपा सरकार पर फोड़ा
मुख्यमंत्री ने पिछली भाजपा सरकार पर जनता का धन लुटाने का आरोप लगाते हुए कहा कि वर्तमान राज्य सरकार को 75 हजार करोड़ का कर्ज और 10 हजार करोड़ कर्मचारियों की देनदारियां विरासत में मिलीं। उन्होंने कहा कि अगर आज कर्मचारियों को उनके लाभ नहीं मिल रहे, तो यह वर्तमान सरकार के कारण नहीं है क्योंकि किसी ने भी प्रदेश को आत्मनिर्भर बनाने की ओर ध्यान नहीं दिया। सुक्खू ने कहा कि पिछली भाजपा सरकार ने 2022 में विधानसभा चुनावों से पहले 600 शिक्षण संस्थान खोल दिए लेकिन हमें कड़ा फैसलों लेकर इन्हें बंद करना पड़ा।